भाजपा ने आज कहा कि राज्य सरकार शराबबंदी के नये कानून को प्रतिष्ठा का विषय नहीं बनाये और पटना उच्च न्यायालय के निर्णय के आलोक में आवश्यक संशोधन के बाद ही इससे संबंधित नया विधेयक लाये । भाजपा विधानमंडल दल के नेता एवं पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने पटना में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मंगल पांडेय की उपस्थिति में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पटना उच्च न्यायालय का शराबबंदी कानून के संबंध में जो निर्णय आया है, उस पर राज्य सरकार को ध्यान देना चाहिए । उच्च न्यायालय ने शराबबंदी कानून को खारिज करते हुए महत्वपूर्ण टिप्पणी की है ।
उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालय ने छह मुद्दों पर टिप्पणी की है जिसपर सरकार को गंभीरता से विचार करना चाहिए । श्री मोदी ने कहा कि उच्च न्यायालय ने शराबबंदी कानून के जिन छह प्रावधानों पर टिप्पणी की है उनमें सामूहिक जुर्माना ,सम्पत्ति को जब्त करना ,व्यक्तिगत सजा एवं दंड ,मुआवजा, यात्रा के दौरान पकड़ा जाना और औद्योगिक इस्तेमाल में आने वाला स्प्रिट शामिल है । इस कानून के तहत जिलाधिकारियों को अधिकार तो दे दिया गया, लेकिन इसे स्पष्ट नहीं किया गया । उन्होंने कहा कि ऐसे तमाम मुद्दों पर उच्च न्यायालय ने कठोर टिप्पणियां करते हुए शराबबंदी कानून को रद्द कर दिया ।
भाजपा नेता ने कहा कि राज्य सरकार गांधी जयंती के अवसर पर कल नये कानून को लागू करने जा रही है, जिसे उच्च न्यायालय ने रद्द कर दिया है । जिन कठोर तालिबानी प्रावधानों को रद्द किया गया है, उससे भी ज्यादा कठोर प्रावधान नये कानून में शामिल है । उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अध्यादेश के द्वारा या विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर नये कानून में आवश्यक परिवर्तन करे ताकि यह न्यायालय से पुन: खारिज नहीं किया जा सके । उनकी पार्टी शराबबंदी के पक्ष में शुरू से ही रही है ।