तेजी से डिजिटल होते दौर में अब बिहार की नौकरशाही भी आधुनिक बनती जा रही है. नये साल से उसके काम का अंदाज डिजिटल हो जाएगा ही उन्हें खुद के बारे में सूचनाएं अपने कंप्यूटर मॉनीटर पर एक क्लिक में मिलेगी.
भुवनेश्वर वात्स्यायन
इसका सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि उन्हें कई कामो के लिए कई दफ्तरों का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा.क्या बड़े हाकिम और क्या छोटे या बड़े बाबू। नए साल में सभी हाईटेक हो जाएंगे। उनका पूरा सर्विस बुक एक क्लिक पर मिलेगा। इस नयी व्यवस्था का ट्रायल शुरू हो गया है। नए साल के आरंभ में ही यह नयी व्यवस्था अलग-अलग महकमों में लागू हो जाएगी।
ई आफिस
सचिवालय कर्मियों को अब मैनुअल फाइल खोलने या फिर किसी टेबल से आयी फाइल पर कुछ लिखने-पढ़ने से पूरी तरह मुक्ति मिल जाएगी। ई आफिस के तहत सब कुछ डिजिटल होने जा रहा है जनवरी से। चुनाव के समय ही ई-आफिस की ट्रेनिंग दी गयी थी।
आईटी सेक्रेट्री एस सिद्धार्थ ने बताया कि सभी को पासवर्ड भी दे दिए गए हैं। ई-आफिस की विशेषता यह है इस पर सचिवालय कर्मी अपना पूरा एचआर प्रोफाइल जब चाहे देख सकता है। मसलन उसके मास्टर डिटेल्स. पे स्लिप, पर्सनल इनाफरमेशन, छुट्टियां, टूर मैनेजमेंट या फिर किसी भी तरह के आवेदन की ट्रैकिंग हो सकेगी ई -आफिस पर। उसे अपने विभाग के इवेंट व समाचार आदि भी इस पर मिलेंगे। कारपोरेट स्टाइल में आज का शब्द भी मिलेगा।
जन्मदिन की शुभकानाएं और प्रमोशन की जानकारी भी मिल जाएगी।सचिवालय में यह व्यवस्था है कि जब नयी फाइल खोली जाती है तो वह हरे पन्ने पर खुलता है। इसके बाद उस पर नोटिंग के लिए सफेद पन्ने का इस्तेमाल होता है। ई आफिस का साफ्टवेयर भी इसी कांसेप्ट पर तैयार हुआ है।
दो भाग में खुलती है पूरी फाइल। एक हिस्सा हरा और दूसरा सफेद है। जिस बाबू को नयी फाइल खोलनी है वह हरे हिस्से में लिखेगा और नोटिंग वाले को सफेद पर लिखना है। सचिवालय कर्मियों को सेकलैन (सेक्रेटेरिएट लोकल एरिया नेटवर्क) के माध्यम से फाइल पहुंचेगी और अपने पासवर्ड से वह इसे खोल कर आगे बढ़ायेगा। सेंट्रल डिस्पैच सेंटर से जो पत्र आगे बढ़ाये जाने हैं उसे स्कैन कर ई आफिस पर डाला जाएगा।
दैनिक जागरण, पटना