विधान पार्षद नीरज कुमार माता वैष्णो देवी दर्शन को जाते हुए‘श्री शक्ति’एक्सप्रेस पर बैठ गये, पर वह इस ट्रेन को देख लज्जित भी हुए व नरेंद्र मोदी को पूरी रात कोसते रहे, आखिर क्यों?
इशर्दुल हक, सम्पादक नौकरशाही डॉट इन
नीरज कुमार जनता दल यू के बेबाक नेता के रूप में अपनी छवि गढ़ने में लगे हैं. खूब पढ़ते हैं और अपनी बात कहने के लिए तथ्यों और तर्कों का सहारा लेते हैं. लेकिन इस बार वह राजनीति की झंझटों से दूर आत्मशांति की तलाश में निकल पड़े हैं. 26 जुलाई की रात है और दस बज चुके हैं. वह माता वैष्णो देवी के दर्शन के सफर पर हैं. साथ में विधान पार्षद संजीव प्रसाद टोनी और पूर्व विधायक विनोद चौधरी भी हैं.
वह नयी दिल्ली रेलवे स्टेशन से उसी ट्रेन की (एसी-1 बोगी) तरफ बढ़ते जा रहे हैं जिसको कटरा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 4 जुलाई को हरी झंडी दिखा कर रवाना किया था.मोदी ने इस ट्रेन का नाम ‘श्री शक्ति’ एक्सप्रेस रखते हुए कहा था कि इस एसी ट्रेन में तमाम आधुनिक सुविधायें होगीं और जल्द ही इस ट्रेन को अन्य मार्गों पर भी चलाया जायेगा.
नाम बड़ा दर्शन छोटा
जब नरेंद्र मोदी हजारों लोगों के बीच यह बात कह रहे थे तो इसके गवाह खुद रेलमंत्र सदानंद गौड़ भी बने थे. बुलेट ट्रेन की, चुनावों के दौरान गंभीरता से चर्चा करने वाले नरेंद्र मोदी और सत्ता संभालते ही तमाम मंत्रालयों में साफ-सफाई और आधुनिक सज्जा पर ध्यान वाले नरेंद्र मोदी की, एक विपरीत छवि नीरज के दिल-दिमाग में बैठती जा रही थी. जाहिर है जब बात-बात में बुलेट ट्रेन की चर्चा करने वाले मोदी कोई खास ट्रेन चलायेंगे तो इससे तो लोगों की उम्मीदें बढ़ती ही हैं. पर इस ट्रेन को देख कर नीरज कुमार खासे मायूस हैं. वह संजीव कुमार टोनी और विनोद चौधरी से मोदी की इस ट्रेन की वाहियात सेवा पर माथापच्ची करना शुरू कर देते हैं.
नीरज कहते हैं शाम साढ़े पांच बजे से हम ट्रेन में हैं.अब 10 बज चुके हैं. अभी तक कोई अटैंडेट नहीं दिखा. कूपा कचरों से भरा है. टॉयलेट जनसाधारण एक्सप्रेस के जनरल बोगी की तरह बदबूदार और उसकी सीट सफाई के अभाव में पीली पड़ चुकी है.इस बीच संजीव कुमार टोनी नीरज को हिंट देते हुए कहते हैं- ‘यह भी तो बताइए कि बीच के किसी स्टेशन से उन्होंने एक्सट्रा चार बोतल पानी खरीद लिया है क्योंकि टॉयलट के नल से पानी के साथ सनसनाहट की आवाज आनी शुरू हो चुकी है.
जब चार घंटे का सफर बीत चुका होता है तो हमारी उनसे फोन पर बात होती है. रात के अंधेरे में उन्हें पता नहीं कि ट्रेन कहां है पर वह नरेंद्र मोदी के सपने की इस ट्रेन पर बरसना शुरू कर देते हैं. वह कहते हैं कि ‘आप पत्रकार हैं आपको सुबूत चाहिए तो लीजिए ये तस्वीरें’. फिर वह अपने मोबाइल से खीची तस्वीरें भेजते हैं. वह (एसी-1 डीई कूपा) में हैं. यानी ट्रेन की सबसे वीआईपी जगहों में से एक. स्वाभाविक तौर पर यह स्थान ट्रेनकर्मियों के लिए सबसे ज्यादा प्राथिमकता वाला स्थान है.
पर इस की हालत बयान करते हुए नीरज कहते हैं ‘शाम साढ़े पांच बजे से हम ट्रेन में हैं. अब 10 बज चुके हैं. अभी तक कोई अटैंडेट नहीं दिखा. कूपा कचरों से भरा है. टॉयलेट जनसाधारण एक्सप्रेस के जनरल बोगी की तरह बदबूदार और उसकी सीट सफाई के अभाव में पीली पड़ चुकी है”. वह कहते हैं- आप तसवीरें देखिए, इस बीच संजीव कुमार टोनी नीरज को हिंट देते हुए कुछ और खामियां गिनाते हैं, यह आवाज फोन पर सुनाई पड़ रही है. संजीव नीरज को याद दिलाते हुए कहते हैं- ‘यह भी तो बताइए कि बीच के किसी स्टेशन से उन्होंने एक्सट्रा चार बोतल पानी खरीद लिया है क्योंकि टॉयलट के नल से पानी के साथ सनसनाहट की आवाज आनी शुरू हो चुकी है. मतलब कभी भी पानी खत्म हो सकता है’. स्वाभाविक तौर पर नीरज और संजीव कोई रिस्क नहीं लेना चाहते.
नीरज की ट्रेन अपनी रफ्तार में भाग रही होती है. वह अभी किस जगह हैं न तो उन्हें पता और न ही मुझे. ट्रेन की रफ्तार से अब मोबाइल पर नीरज की आवाज कट-कट कर आने लगी है. और फिर बिल्कुल कट जाती है.