गुजरात बम धमाके में अपनी पत्नी की जवान गंवाने वाले काशीनाथ नरेंद्र मोदी पर जम कर बरसे और कहा पटना की पीड़ा समझ आयी पर गुजरात की नहीं. यह घोर राजनीति है.
नरेंद्र मोदी के चुनाव क्षेत्र मणिनगर में रहने वाले काशीनाथ जुलाई 2008 के सीरियल धमाकों में इनकी पत्नी सुनंदा की मौत हो चुकी है. नरेंद्र मोदी पटना ब्लास्ट में मरने वालों से तो मिले पर पांच बरस बीतने के बावजूद वह काशीनाथ की सुध लेने कभी नहीं पहुंचे.
आईबीएन खबर के अनुसार काशीनाथ को जब से ये पता चला है कि नरेंद्र मोदी पटना जाकर वहां धमाके में मरे लोगों के परिजनों मिल रहे हैं तो गुस्से में आ गए. गुस्सा इस बात का कि पिछले पांच साल में आजतक मोदी ने उनकी सुध नहीं ली, जबकि वो उनके ही चुनावी क्षेत्र में रहते हैं. और अब हजारों किलोमीटर दूर पटना जाकर मोदी धमाके के घायलों से मिल रहे हैं. काशीनाथ को इस सांत्वना में महज राजनीति नजर आ रही है.
आईबीएन के अनुसार अहमदाबाद के इस बाहरी इलाके सिटिजन नगर के लोगों में तो औैर गुस्सा है यहां वो दंगा पीड़ित रहते हैं जो नरोडा पाटिया दंगे में जिंदा बच गए थे. पिछले 12 साल से ये लोग यहां पर रह रहे हैं बिना सड़क, पानी, नाले, स्कूल जैसी मूलभूत सुविधाओं के। उपर से पूरे अहमदाबाद का कूड़ा भी यहीं डाला जाता है। हर वक्त गंदगी और बदबू में जीने को मजबूर हैं ये लोग. बीमार पड़ रहे हैं, लेकिन न तो मोदी और न उनकी सरकार का कोई आदमी पिछले 12 साल में यहां आया है।
चाहे 2002 के दंगा पीड़ित हों या फिर 2008 धमाकों के पीड़ित ये लोग मोदी से पूछ रहे हैं सवाल गुजरात में रहते हुए अहमदाबाद और मणिनगर में रहते हुए पिछले 12 सालों में तो आपने हमारी सुध नहीं ली इतने बरस बीत गए और आपतक हमारा दर्द नहीं पहुंचा या आपको हमारा दर्द नहीं दिखा और अब आप हजारों किलोमीटर दूर पटना जाकर वहां हुए धमाके में घायल हुए लोगों से मिल रहे हैं।
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