नवादा के हालिया दंगा पर जनता दल राष्ट्रवादी के राष्ट्रीय संयोजक अशफाक रहमान ने भाजपा के स्थानीय सांसद गिरिराज सिंह पर नफरत की आगल लगाने का आरोप तो लगाया है पर इसके लिए असल जिम्मेदार राज्य की सेक्युलर सरकार को ठहराया है.
अशफाक रहमान ने कहा है कि राज्य के मुसलमान इस दंगे से इस लिए बेचैन नहीं हैं क्योंकि उनकी नजर में यह सेक्युलर दंगा है. उन्होंने कहा कि अगर ऐसा दंगा भाजपा शासित प्रदेश में होता तो मुसलमानों की प्रतिक्रिया देखते बनती.
अशफाक रहमान ने कहा कि नवादा में रामनवमी के अवसर पर जिस तरह से मुसलमानों के घर और दुकान तबाह किये गये अगर इस पर भी हमारी आंखें नहीं खुलती हैं तो मुसलमानों का अल्लाह ही मालिक है. अशफाक रहमान ने आरोप लगाया कि एक तरफ भाजपा के स्थानीय सांसद व केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह को माहौल बिगाड़ने की छूट प्रशासन ने दे दी और दूसरी तरफ सत्ताधारी पार्टी के एमएलसी सलमान रागिब के घर पुलिस से धावा बोलवा दिया गया. दर असल रागिब के बहाने प्रशासन ने मुसलमानों को डराया. उन्होंने इस बात पर हैरत का इजहार किया कि जब सत्ताधारी पार्टी के विधायक का घर सुरक्षित नहीं तो एक आम इंसान की कैसे सुरक्षा हो सकती है.
अशफाक रहमान ने इस बात पर भी अफसोस जताया कि महागठबंधन सरकार के मुस्लिम मंत्री भी सलमान रागिब के साथ खड़े नहीं हैं. अशफाक रहमान ने कहा कि मुसलमानों को अपने पैर पर खड़ा होना होगा. उन्होंने इस बात पर चिंता जताते हुए कहा कि मुसलमान एक साथ मिल कर महागठबंधन को वोट तो देते हैं लेकिन मुसीबत की घड़ी में एक साथ मिल कर सरकार के गिरेबान को पकड़ने का साहस नहीं दिखाते.
अशफाक रहमान ने कहा कि मुसलमान सरकार से सवाल करने का साहस करते तो सलमान रागिब के साथ जो हुआ वही नहीं हो पाता. उन्होंने कहा कि दर असल कथित सेक्युलर पार्टियों को पता है कि मुसलमानों को सिर्फ सेक्युलरिज्म का लालीपाप दिखा देने से ही उनका काम चल जाता है. उन्होंने कहा किआजादी के बाद से अब तक सेक्युलरिज्म के नाम पर ही कथित सेक्लर पार्टियां मुसलमानों को डरा कर वोट लेती रही हैं.
उन्होंने कहा कि ये पार्टियां जानती है कि मुसलमानों को इतनी बुरी तरह से डराया जाये कि बिन मांगे ही उनका वोट उन्हें मिल जायें. अशफाक रहमान ने कहा कि सत्ताधारी पार्टी के नेता होते हुए भी सलमान रागिब आज अकेल खड़े हैं और अपने हक की लड़ाई लड़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि जनता दल राष्ट्रवादी उनकी लड़ाई में साथ है और जल्द ही नवादा में दंगा से तबाह हुए गरीब मजदूर मुसलमानों की भलाई के लिए कोई फैसला करेगा.