मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नशा करने वालों पर नजर रखने की महिलाओं से अपील करते हुये आज कहा कि राज्य अब शराबबंदी से पूर्ण नशाबंदी की ओर बढ़ रहा है और ऐसे में महिलाओं के सहयोग से ही इस अभियान को सफल बनाया जा सकता है। श्री कुमार ने कहा कि अब बिहार शराबबंदी से नशामुक्ति की ओर बढ़ रहा है। ऐसे मे महिलाओं को नजर रखनी है कि शराबबंदी के बाद कोई व्यक्ति अन्य मादक पदार्थों का सेवन तो नहीं कर रहा है। यदि किसी को नशे की लत है तो आपलोग उसे समझायें और नहीं समझे तो नशामुक्ति केंद्र में भर्ती करा दीजिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्ण शराबबंदी लागू करने के लिए कठोर कानून बनाने के साथ ही कड़े कदम भी उठाये जा रहे हैं। लेकिन, अकेले कानून से इसे नियंत्रित नहीं किया जा सकता है। इसके लिए जन चेतना और जागरुकता दोनो ही जरूरी है। समाज में विकृत मानसिकता के लोग भी रहते हैं, जो अवैध तरीके से पैसा कमाने की सोचते रहते हैं। हालांकि ऐसे लोग पकड़े भी जा रहे हैं। उन्होंने सरकारी कर्मचारियों को चेतावनी देते हुये कहा कि शराब के धंधे में यदि कोई सरकारी कर्मचारी दोषी पाया गया तो उन्हें न केवल नौकरी से निकाला जाएगा बल्कि उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी।
श्री कुमार ने बिहार से दुनिया को नशामुक्त समाज निर्माण का संदेश देने के लिए बनाई गई मानव श्रृंखला की सफलता का उल्लेख करते हुये कहा कि 21 जनवरी को करीब 11 हजार किलोमीटर में बने श्रृंखला में दो करोड़ लोगों के शामिल होने का लक्ष्य था, लेकिन लोगों में इतना उत्साह था कि जो रूट तय नहीं किये गये उस पर भी लोग श्रृंखला बनाकर कई कतारों में खड़े हो गये। इसके माध्यम से बिहारवासियों ने शराबबंदी और नशामुक्ति के पक्ष में अटूट एकता प्रदर्शित की है। उन्होंने बोधगया में कालचक्र पूजा और राजधानी पटना में सिक्खों के दसवें गुरू गुरूगोविंद सिंह जी के 350वें प्रकाशोत्सव के सफल आयोजन के लिए राज्यवासियों की प्रशंसा करते हुये कहा कि इन आयोजनों ने बिहार की छवि को और बेहतर बनाया है।