नहीं रह बलभद्र कल्याण

 पटना-   साहित्यसारथी‘ के नाम से साहित्यानुरागियों में लोकप्रिय वरिष्ठ साहित्यकार और अनेक साहित्यिकसांस्कृतिक संस्थाओं के संस्थापक बलभद्र कल्याण नही रहे। ९१ वर्ष की आयु में उन्होंने अपना पार्थिव देह गत मध्यरात्रि में त्याग दिया। उन्होंने अपने शेषपुरा (राजा बाज़ारस्थित आवास पर अपनी अंतिम साँस ली। वे विगत १० दिनों से बीमार थे। उन्हें साँस लेने में कठिनाई हो रही थी।

नहीं रह बलभद्र कल्याण

उनके निधन की सूचना सेराजधानी के साहित्यकारों में शोक की लहर व्याप्त हो गई। बिहार हिंदी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष डा अनिल सुलभवरीय उपाध्यक्ष नृपेंद्र नाथ गुप्तसाहित्य मंत्री डा शिववंश पांडेयस्थानीय विधायक संजीव चौरसियायोगेन्द्र प्रसाद मिश्रशांति ओझा आदि अनेक साहित्यसेवी एवं नेता गण उनके आवास पर जाकर अपना शोक प्रकट किया तथा परिजनों को ढाँढस बँधाया। आज दूसरे पहर स्थानीय गुल्बीघाट पर उनका अग्निसंस्कार संपन्न हुआ। साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष डा अनिल सुलभयोगेन्द्र प्रसाद मिश्रकवि राज कुमार प्रेमीकवि आर प्रवेशविष्णु प्रभाकर समेत अनेक सुधिजन एवं स्व कल्याण के परिजन वहाँ उपस्थित थे। उनके पुत्र सुमन कुमार ने मुखाग्नि दी।

आज संध्या साहित्य सम्मेलन में शोकसभा आयोजित कर दिवंगत आत्मा को श्रद्धांजलि दी गई। अपने शोकोदगार में सुप्रसिद्ध समालोचक और सम्मेलन के साहित्यमंत्री डा शिववंश पांडेय ने उनके निधन को अपनी व्यक्तिगत क्षति बताते हुए कहा किआज बिहार ने अपनी एक अमूल्य साहित्यिक विभूति को खो दिया है।

शोकसभा के अध्यक्ष डा अनिल सुलभ ने कहा किबलभद्र कल्याण का निधन हिंदी के एक बड़े नक्षत्र के डूब जाने के समान है। वे एक अत्यंत उच्चश्रेणी के कविसाहित्यकार हीं नहींसाहित्य और साहित्यकारों के बड़े ख़िदमतगार भी थे। जिन दिनों बिहार की राजधानी में साहित्यिक गतिविधियाँ लगभग बंद हो गई थीकल्याण जी ने अपना द्वीचक्री रथ लेकर साहित्यिक नवजागरण का शंख फूँका और द्वारद्वार जाकर साहित्यकारों को जगाया। वे एक साहित्यिक संस्था की तरह थेजिनके अवदान से अनेक नवागंतुकों ने अपनी सृजनशीलता को परिष्कृत किया। डा सुलभ ने उनके निधन को साहित्यजगत की कभी न पूरी होनेवाली क्षति बताया।

शोकसभा में वरिष्ठ साहित्य सेवी डा कुमार वीरेंद्रदेवेंद्र देवडा मधु वर्माडा मेहता नगेंद्र सिंहआचार्य आनंद किशोर शास्त्रीपं गणेश झाराज कुमार प्रेमीशायर रमेश कँवलआरपी घायलनरेंद्र देवकृष्ण रंजन सिंहडा अर्चना त्रिपाठीविजय गुंजनराजन सिन्हापूनम आनंदसागरिका रायसरोज तिवारीसत्येंद्र कुमार पाठकअनुपमा नाथ सुमेधा पाठकलता प्रासरआराधना प्रसादडा मँजलाडा सीमा यादवशालिनी पाण्डेय समेत बड़ी संख्या में साहित्यसेवी एवं प्रबुद्ध जन उपस्थित थे। सम्मेलन के वयोवृद्ध प्रधानमंत्री आचार्य श्रीरंजन सूरिदेवकवि मृत्युंजय मिश्र करुणेश तथा पं शिवदत्त मिश्र ने भी शोकसंदेश भिजवाए। सभा के अंत में दो मिनट मौन रहकर स्वर्गीय पुण्यात्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की गई।

By Editor


Notice: ob_end_flush(): Failed to send buffer of zlib output compression (0) in /home/naukarshahi/public_html/wp-includes/functions.php on line 5427