सीबीआई निदेशक से 2जी आरोपियों की मुलाकात की इंटरी डायरी देने वाले एनजीओ ने डायरी देने वाले आदमी का नाम कोर्ट को देने से इनकार कर दिया है. ममले को अदालत में लाने वाले प्रशांत भूषण ने कहा कि ऐसा करने से विसिल ब्लोअर की जान को खतरा है.
गैरसरकारी संगठन पब्लिक इंटरेस्ट लिटीगेशंस ने सत्येंद्र दुबे सहित कई विसलब्लोअर की हत्या की घटनाओं का हवाला देते हुए हलफनामे में कहा है कि सूचना प्रदान करने वाले स्रोत की जानकारी देना सिर्फ विश्वासघात ही नहीं बल्कि यह ऐसे लोगों की जान जोखिम में डालने वाला हो सकता है या फिर उनका शोषण हो सकता है।
संगठन ने वकील प्रशांत भूषण के माध्यम से दाखिल हलफनामे में कहा है कि इस मामले की गतिविधियों के मद्देनजर संगठन के संचालक मंडल की बैठक 17 सितंबर को हुई थी। इस बैठक में सदस्यों ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव पास किया कि स्रोत की पहचान का खुलासा नहीं किया जाएगा।
मालूम हो कि सीबीआई निदेशक पर अदालत में याचिका दायर कर उन्हें 2जी घोटाले की जांच से अलग करने का आग्रह किया गया है. संगठन का आरोप है कि उन्होंने 2जी घोटाला आरोपियों से मुलाकात की जिससे इस जांच में ईमानदारी की उम्मीद नहीं है.