वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मानसून सत्र के अंतिम चरण में कल फिर से संसद की कार्यवाही शुरू होने के बीच आज विपक्ष से अपने नकारात्मक रवैय्ये को छोड़कर नोटबंदी पर चर्चा करने की अपील की। श्री जेटली ने नई दिल्ली में कहा कि हम नोटबंदी पर संसद में चर्चा के लिए तैयार हैं। विपक्ष को नारेबाजी की राजनीति को छोड़ देना चाहिए और ‘कैशलेस’ समाज के लिए सरकार के अभियान के शामिल होना चाहिए।
कालेधन की समस्या से निपटने के लिए 10 वर्षों के कार्यकाल में कोई उपाय नहीं करने के लिए पूर्ववर्ती संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार की कड़ी आलोचना करते हुये कहा कि अब जब मोदी सरकार इस समस्या से लड़ने के उपाय कर रही है तो संसद में गतिरोध पैदा किये जाने पर आश्चर्य नहीं होना चाहिए। श्री जेटली ने सरकार के नोटबंदी के निर्णय के लाभ गिनाते हुए कहा कि कांग्रेस की सरकारों ने कभी भी काला धन खत्म करने की कोशिश नहीं की थी।
नोटबंदी से लोगों को हो रही दिक्कतों का उल्लेख करते हुये श्री जेटली ने कहा कि सरकार लोगों की परेशानियों को दूर करने के लिये हर संभव प्रयास कर रही है। भारतीय रिजर्व बैंक रोजाना बैकिंग तंत्र में उचित मात्रा में नगदी डाल रहा है, जिससे धीरे-धीरे दबाव कम हो रहा है। तंत्र में जैसे-जैसे नोट का प्रवाह बढ़ेगा, लोगों को होने वाली समस्यायें दूर होती जायेंगी। पूर्व वित्त मंत्री पी चिदम्बरम के इस कथन पर कि नोटबंदी से भ्रष्टाचार, काला धन और आतंकवाद पर लगाम नहीं लगेगी,श्री जेटली ने दावा किया कि इससे तीनों पर इस्तेमाल किये जाने वाले धन पर खुद-ब-खुद लगाम लग जायेगी। वस्तु एवं सेवा कर में भी कर चोरी को रोकने के लिये कड़े प्रावधान किये गये हैं।