पटना जिले का फुलवारीशरीफ विधान सभा क्षेत्र। शहर भी है, गांव भी हैं। आज हम जदयू के विधायक व मंत्री श्याम रजक के साथ कई मुहल्लों में घुमे। ये मुहल्ले बेउर के आसपास के हैं। साढे सात बजे से 11 बजे तक साथ में थे। इस दौरान लोगों से बातचीत, प्रतिक्रिया और जाति का असर साफ-साफ दिख रहा था। चुनाव को लेकर श्याम रजक आश्वस्त थे, लेकिन वोटरों के दरवाजे पर हाजरी लगाना जरूरी समझते हैं।
वीरेंद्र यादव, बिहार ब्यूरो प्रमुख
फुलवारी से जदयू प्रत्याशी श्याम रजक का चुनाव कंपेन
बेउर मोड़ पर कार्यकर्ता स्वागत के लिए खड़े थे। नारेबाजी भी हुई। लेकिन झंडा, बैनर, पोस्टर, पर्चा कुछ भी नहीं दिखा। युवा नारे खूब लगा रहे थे। नारों में नीतीश कुमार पर लालू यादव भारी पड़ रहे थे। श्याम रजक जिंदाबाद, गठबंधन जिंदाबाद, लालू यादव जिंदाबाद के बीच कभी-कभार नीतीश कुमार जिंदाबाद के नारे भी लग रहे थे। जबकि श्याम रजक नीतीश कुमार की पार्टी के उम्मीदवार हैं। हालांकि बातचीत में युवकों ने बताया कि वे लालटेन वाले हैं।
यादव बहुल व पिछड़ी जाति के मुहल्लों में नारा का स्वर तेज रहा। नारा सुनकर लोग घर से बाहर भी आ रहे थे। महिलाएं मुंडेर से निहार रही थीं। लेकिन भूमिहार बहुल मुहल्लों में श्याम रजक को कई सवालों का भी सामना करना पड़ा। कई जगह सफाई भी देनी पड़ी। मांग भी मूलत: सड़क और नाली की ही थी। जगह-जगह पर लोगों का गुस्सा भी फुटता नजर आ रहा था। लेकिन गुस्सा नाली व गली से आगे नहीं बढ़ पा रहा था।
अपेक्षा और विवशता
करीब साढ़े तीन घंटे के जनसंपर्क में हजार लोगों से मुलाकात हुई होगी। कुछ लोग दरवाजे पर अभिवादन स्वीकर कर रहे थे तो कुछ सड़कों पर आकर गले भी लगा रहे थे। रास्ते में कार्यकर्ताओं के लिए चाय-पानी की भी व्यवस्था स्थानीय लोग ही कर रहे थे। गाड़ी से उतरने से लेकर चढ़ने तक कार्यकर्ताओं का तांता लगा रहा। इस दौरान जनता की अपेक्षा और जनप्रतिनिधि की विवशता दोनों स्पष्ट दिखती रही।