समाज बचाओ आंदोलन के नेताओं ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिले में बैठक कर आरोप लगाया है कि वह नालंदा का कर्ज नहीं उतार सके. बैठक की अध्यक्षता मो. काशिफ युनूस ने की.
‘समाज बचाओ आंदोलन’ की जिला कार्यकारिणी की बैठक 22 मार्च को अशोका उत्सव हॉल, बिहार शरीफ, नालंदा में हुई. आंदोलन के वरिष्ठ नेता कृष्णनंदन प्रसाद ने कहा कि नीतीश कुमार नालंदा का क़र्ज़ नहीं उतार सके. उन्होंने कहा कि नीतीश ने नालंदा का समग्र विकास नहीं किया.
इस अवसर पर ‘समाज बचाओ आंदोलन’की राज्य कार्यकारिणी के सदस्य उमेश प्रसाद घंटाल,बेचन पासवान, उपेन्द्र प्रसाद, नरेश कुमार, मोहन कुमार, संतोष कुमार, भुवनेश्वर प्रसाद, कृष्णनंदन प्रसाद, किशोरी प्रसाद, लड्डन मालिक, मो. शहाबुद्दीन, मो. रियाजुद्दीन, शम्भू प्रसाद, शम्भूशरण मुखिया, सुरेन्द्र प्रसाद, बांकेलाल चौधरी, एज़ाज़ खान और हरिहरनाथ ने भी अपने विचार रखे।
कार्यकारिणी के प्रस्ताव –
1. सर्वप्रथम स्वर्गीय बंगाली प्रसाद के निधन पर शोक व्यक्त किया गया।
- अस्थावां प्रखंड में आंदोलन के द्वारा आम जनसभा होगी।
- केंद्र सरकार द्वारा पारित भूमि अधिग्रहण बिल एक काला कानून है जिसे केंद्र सरकार द्वारा वापस लिया जाना चाहिए।
- सरकार के ढीले रवैये के कारण उर्दू शिक्षकों की बहाली में हो रही देरी पर असंतोष व्यक्त किया गया और उर्दू शिक्षकों कीबहाली पूर्ण करने का प्रस्ताव पारित किया गया।
- छोटे किसानों को सरकार द्वारा बिजली की मुफ्त व्यवस्था की जाय।
- नालंदा जिले के प्रखंडों का पुनर्गठन हो और अस्थावां को अनुमंडल और ओयब को प्रखंड का दर्ज़ा मिले।
- बंद पड़े सरकारी नलकूपों को चालू किया जाय।
- बिहार में स्कूल और कॉलेज की कमी को देखते हुए वित्त रहित स्कूल और कॉलेजों को मान्यता दी जाय।
- बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री मोहम्मद युनुस के नाम पर बिहार में अल्पसंख्यक विश्वविद्यालय खोला जाय, जैसा कि पश्चिम बंगाल में है।
- ग्राम वादी में बाबू गुरूसहाय लाल की आदमकद प्रतिमा लगाई जाय। डॉ। रामराज सिंह चंडी में स्थापित की जाय।