सोशल मीडिया में पटना नाव दुर्घटना जांच कमेटी पर सवाल उठाये जा रहे हैं. उधर राजद ने भी इस जांच कमेटी में पटना के डीएम को शामिल करने पर सवाल उठाया है. पूछा जा रहा है कि खुद अपने ऊपर लगे आरोप की जांच डीएम कैसे कर सकते हैं.
गौरतलब है कि सरकार ने इस जांच कमेटी में आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत, पटना के डीआईजी शालीन और पटना के जिलाधिकारी संजय अग्रवाल को शामिल किया गया है. वहीं राजद के विधायक भाई वीरेंद्र ने सवाल किया है कि इस हादसे के लिए जिला प्रशासन जिम्मेदार है तो फिर इस कमेटी में डीएम संजय अग्रवाल को कैसे शामिल किया है.
उन्होंने कहा कि जांच में उनके शामिल होने से जांच की पार्दशिता प्रभावित हो सकती है. हालांकि राजद विधायक ने कहा कि आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत को कमेटी में शामिल करना ठीक है लेकिन डीएम को इस कमेटी में रखना सही नहीं है.
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उधर सोशल मीडिया में अनेक सामाजिक कार्यकर्ताओं ने डीएम संजय अग्रवाल को जांच कमेटी में शामिल किये जाने पर सख्त टिप्पणी की है. विनीत कुमार ने कहा है कि डीएम खुद को गुनाहगार कैसे घोषित करेंगे. यह तो एक मजाक है.
उधर राजद प्रवक्ता प्रगति मेहता ने नाव दुर्घटना बहुत ही दुखद और हृदयविदारक है।सरकारी आयोजन था तो भीड़ के लिए पर्याप्त इंतजाम भी होना चाहिए था।सरकारी स्तर पर नाव की कमी के वजह से ही लोग जैसे-तैसे दूसरे नाव पर ही सवार हो गए।हम इस घोर लापरवाही की कड़ी निंदा करते हुए राज्य सरकार से दोषी अफसरों को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग करते हैं।