बिहार में रिश्वतखोरी के अबतक के सबसे बड़े मामले का निर्णायक अंत हो गया है. निगरानी द्वारा दबोचे के एक आला अधिकारी द्वारा 4 लाख रुपये रिश्वत लेने के मामले ने उन्हें दोषी करार दे दिया है, वो भी मात्र 11 महीने के रिकार्ड समय में.
नवादा के एडीएम महर्षि राम को निगरानी की स्पेशल टीम ने पिछले वर्ष 4 लाख रुपये रिश्वत लेते दबोचा था. उसके बाद उन्हें पटना के बेऊर जेल भेज दिया गया. इस मामले में स्पीडी ट्रायल चला और निगरानी की अदालत ने दोषी करार दिया है. इस मामले में 11 अगस्त को सजा सुनाई जायेगी. गौर तलब है कि महर्षि पर आरोप था कि उन्होंने एक हीरा लाल नामक आदमी से दाखिल खारिज की जांच के एवज में रिश्वत की मांग की थी. तब महर्षि अपर समाहर्ता की हैसियत से काम कर रहे थे.
निगरानी के विशेष अभियोजक विजय भानू के अनुसार बिहार में रिश्वतखोरी के निपटारे का यह अब तक का सबसे बड़ा मामाला है.