बिहार के निजाम में संभावित बदलाव की धमक नौकरशाही पर भी दिखने लगी है. नीतीश के करीबी माने जाने वाले सामान्य प्रशासन विभाग के प्रधान सचिव ने दो दिन में हुए तमाम तबादलों को स्थगित कर दिया है.
सामान्य प्रशासन विभाग के प्रधान सचिव आमिर सुबहानी ने कहा कि गुरुवार और शुक्रवार को किये गये तमाम तबादले स्थगित कर दिये गये हैं और इसकी सूचना तमाम जिलों को भी दे दी गयी है. इतना ही नहीं उन्होंने यहां तक कहा कि जरूत पड़ने पर इसे रद्द भी किया जा सकता है.
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के आदेश पर 46 अनुमंडल पदिकारियों का तबादला कर दिया गया. इसी तरह शुक्रवार को भी बिहार प्रशासनिक सेवा के 49 अफसरों का ट्रांस्फर किया गया. याद रखने की बात है कि सरकार पर गहरी पकड़ मजबूत करने के लिए अफसरों का तबादला एक कामयाब फार्मुला माना जाता है.
आमिर भी हुए हैं मांझी के शिकार
लेकिन जैसे ही मांझी सरकार की मुश्किलें बढ़ी हैं, वैसे ही सामान्य प्रशासन विभाग ने इन तबादलों पर रोक लगा कर यह जताने की कोशिश की है कि अब सत्ता का केंद्र मांझी नहीं, नीतीश कुमार होंगे. सूत्र बताते हैं कि इन तबादलों पर रोक लगा कर यह जताने की भी कोशिश की गयी है कि अब सरकारी फैसले का केंद्र बदलने वाला है.
महत्वपूर्ण यह है कि सामान्य प्रशासन विभाग के प्रधान सचिव आमिर सुबहानी नीतीश के करीबी आईएएस माने जाते हैं. लेकिन जीतन राम मांझी सरकार ने उन्हें भी अपना निशाना बनाते हैं पिछले दिनों गृह विभाग से छुट्टी करके सामान्य प्रशसन विभाग में भेज दियाथा.