केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा सरकारी नौकरियों में 10 प्रतिशत आरक्षण पर राजनीति थमने का नाम नहीं ले रही है। इसी क्रम में राजद नेता व पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने निजी क्षेत्र में आरक्षण को लेकर हुंकार भर दिया है और कहा कि अब आर –पार की लड़ाई होगी।
नौकरशाही डेस्क
तेजस्वी ने आज सुबह ट्विट कर कहा कि 1931 की गणना अनुसार 52% OBC को 27% आरक्षण देने के लिए 1978 में मंडल कमीशन बना। रिपोर्ट आई 1980 में। लागू होने की घोषणा हुई 1990 में। लागू हुआ 1993 में। उच्च शिक्षण संस्थानों मे 2008 में लागू हो पाया। कितना आंदोलन हुआ,कितने खून बहे, कितने लोग लाठियां खाए इन सबकी कल्पना नही जा सकती। [tabs type=”horizontal”][tabs_head][tab_title][/tab_title][/tabs_head][tab]
1931 की गणना अनुसार 52% OBC को 27% आरक्षण देने के लिए 1978 में मंडल कमीशन बना। रिपोर्ट आई 1980 में। लागू होने की घोषणा हुई 1990 में।लागू हुआ 1993 में। उच्च शिक्षण संस्थानों मे 2008 में लागू हो पाया। कितना आंदोलन हुआ,कितने खून बहे, कितने लोग लाठियां खाए इन सबकी कल्पना नही जा सकती।
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) January 25, 2019
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दूसरे ट्विट में लिखा –‘ बताओ, किस आधार पर मनुवादी सरकार ने जातिगत आरक्षण व सामाजिक पिछड़ेपन का आधार बदल आर्थिक आधार में तब्दील कर रहे है? किस रिपोर्ट, आयोग और सर्वेक्षण के आधार पर? अब इनकी मनमानी नहीं चलेगी। ये चालाक क़िस्म के लोग है। युगों-युगों से पिछड़ों-दलितों को ठगते आए है। मूर्ख बनाते आए है।‘
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बताओ, किस आधार पर मनुवादी सरकार ने जातिगत आरक्षण व सामाजिक पिछड़ेपन का आधार बदल आर्थिक आधार में तब्दील कर रहे है? किस रिपोर्ट, आयोग और सर्वेक्षण के आधार पर?
अब इनकी मनमानी नहीं चलेगी। ये चालाक क़िस्म के लोग है। युगों-युगों से पिछड़ों-दलितों को ठगते आए है। मूर्ख बनाते आए है।
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) January 25, 2019
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तेजस्वी ने आरएसएएस चीफ के बयान को याद दिलाते हुए लिखा – ‘मोहन भागवत ने 3 साल पहले कहा था, आरक्षण की समीक्षा कर आर्थिक आधार पर आरक्षण लागू होना चाहिए।आदरणीय लालू जी ने पुरजोर विरोध किया। लालू जी ने विरोध किया तो एक डरपोक और विश्वासघाती CM को पकड़कर पहले उन्हें सत्ता से बेदख़ल किया फिर जेल भेजा और अब आरक्षण ख़त्म करने की साज़िश कर डाली।‘
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मोहन भागवत ने 3 साल पहले कहा था, आरक्षण की समीक्षा कर आर्थिक आधार पर आरक्षण लागू होना चाहिए।आदरणीय लालू जी ने पुरजोर विरोध किया।
लालू जी ने विरोध किया तो एक डरपोक और विश्वासघाती CM को पकड़कर पहले उन्हें सत्ता से बेदख़ल किया फिर जेल भेजा और अब आरक्षण ख़त्म करने की साज़िश कर डाली।
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) January 25, 2019
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आपको बता दें कि राजद ने लोकसभा और राज्य सभा में 10 प्रतिशत सवर्ण आरक्षण का विरोध किया था। उसके बाद से राजद लगातार इस आरक्षण पर सवाल खड़े कर रही है। गुरूवार को भी तेजस्वी यादव ने एक के बाद एक ट्विट कर आरक्षण को लेकर संविधान के साथ खिलवाड़ का आरोप लगाया।
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“बेरोज़गारी हटाओ, आरक्षण बढ़ाओ”
अब आर-पार लड़ाई होगी। निजी क्षेत्र में भी आरक्षण लागू करना होगा। आरक्षण बढ़ाकर 90% करना होगा, करना होगा।
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) January 24, 2019
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तेजस्वी ने लिखा था कि हम सवर्ण आरक्षण लागू करने के तरीक़े का विरोध कर रहे है। बिना किसी पद्धति, जाँच, आयोग, सर्वे और सर्वेक्षण के इन्होंने मात्र चंद घंटों में संविधान से छेड़छाड़ कर संशोधन कर दिया। जातिवादी मोदी सरकार द्वारा जल्दबाज़ी में लागू किए गए इस आरक्षण का हश्र नोटबंदी जैसा ही होगा। देश के बहुजन वर्षों से 50% फ़ीसदी आरक्षण की सीलिंग बढ़ाने की माँग कर रहे थे लेकिन अन्यायी जातिवादियों ने नहीं बढ़ाया और ना ही बढ़ने दिया लेकिन सवर्ण आरक्षण बिन माँगे चंद घंटों में दे दिया। नागपुरिए जातिवादियों को आपके वोट से डर नहीं लगता। समझिये, ये आरक्षण समाप्ति की शुरुआत है।
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आरक्षण विरोधी पहले मेरिट-मेरिट चिल्लाते थे आरक्षण को भीख कहते थे।अब बहुत ख़ुश है। ये दोहरापंथी नहीं चलेगी।या तो आप ये मानिए कि आप जातिवादी है और योग्य व प्रतिभाशाली दलित-पिछड़ो की हक़मारी मे लगे है या फिर ये मानिए की आप सामाजिक श्रेष्ठता के आधार पर आरक्षण के सबसे बड़े अधिकारी है।
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) January 24, 2019
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उन्होंने पूछा कि बताइये, 8 लाख सालाना यानी 66,666 रू महीने में कमाने वाला ग़रीब कैसे हुआ? अजीब गणित है भाई? 8 लाख सालाना कमाने पर आपको 20% टैक्स यानि 72,500 रू सालाना टैक्स देना पड़ रहा है। जो व्यक्ति 72500 टैक्स देता है सरकार उसे ग़रीबी का आरक्षण दे रही है। वाह रे विद्वानों! वाह मोदी जी वाह। वो दूसरों की हक़मारी भी करेंगे और वर्ण व्यवस्था में ख़ुद को दूसरों से श्रेष्ठ भी समझेंगे। दूसरों का सामाजिक तिरस्कार भी करेंगे। उनकी जात का मज़ाक़ बनाएँगे। शोषण करेंगे लेकिन समानता का अधिकार नहीं देंगे।उनकी जाति की भी गणना नहीं करेंगे और ना ही होने देंगे। वो असमानता के पक्षधर है।
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उन्होंने कहा था कि आरक्षण विरोधी पहले मेरिट-मेरिट चिल्लाते थे आरक्षण को भीख कहते थे।अब बहुत ख़ुश है। ये दोहरापंथी नहीं चलेगी।या तो आप ये मानिए कि आप जातिवादी है और योग्य व प्रतिभाशाली दलित-पिछड़ो की हक़मारी मे लगे है या फिर ये मानिए की आप सामाजिक श्रेष्ठता के आधार पर आरक्षण के सबसे बड़े अधिकारी है। वो पद का दुरूपयोग कर आपकी जाति भी नहीं गिनने देंगे और अपनी जाति भी नहीं गिनेंगे क्योंकि इससे उनकी पोल खुल जाएगी कि कैसे मुट्ठी भर लोगो ने देश के सभी क्षेत्रों और संसाधनों पर जातीय बाहुबल और ठगी के दम पर क़ब्ज़ा जमा रखा है। हमने लड़ाई ठान ली है अब चाहे जेल जाए या गोली लगे। लड़ेंगे।“बेरोज़गारी हटाओ, आरक्षण बढ़ाओ” अब आर-पार लड़ाई होगी। निजी क्षेत्र में भी आरक्षण लागू करना होगा। आरक्षण बढ़ाकर 90% करना होगा, करना होगा।
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हम सवर्ण आरक्षण लागू करने के तरीक़े का विरोध कर रहे है। बिना किसी पद्धति, जाँच, आयोग, सर्वे और सर्वेक्षण के इन्होंने मात्र चंद घंटों में संविधान से छेड़छाड़ कर संशोधन कर दिया।
जातिवादी मोदी सरकार द्वारा जल्दबाज़ी में लागू किए गए इस आरक्षण का हश्र नोटबंदी जैसा ही होगा।
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) January 24, 2019
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