मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने निजी क्षेत्रों में भी आरक्षण दिये जाने की जोरदार वकालत करते हुए कहा इस मुद्दे पर राष्ट्रीय स्तर पर बहस होनी चाहिए । श्री कुमार ने पटना में लोकसंवाद कार्यक्रम के बाद संवाददाता सम्मेलन में राज्य में सरकारी राशि प्राप्त करने वाली आउटसोर्सिंग कम्पनियों में आरक्षण की व्यवस्था को लागू करने के अपनी सरकार के फैसले को सही ठहराते हुए कहा कि आउट सोर्सिंग के जरिये नौकरी पाने वालों को जो मानदेय-वेतन दिया जाता है, उसके लिए बिहार सरकार भुगतान करती है। जब बिहार सरकार के खजाने और प्राप्त राजस्व के पैसे से भुगतान किया जा रहा हो, तो आरक्षण क्यों नहीं लागू किया जाना चाहिए ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आउट सोर्सिंग की नौकरियों में आरक्षण बिल्कुल सही है। बिहार में इसका पालन नहीं करने वालों पर कड़ी कार्रवाई भी की जायेगी। उन्होंने कहा कि निजी क्षेत्रों में आरक्षण के मुद्दे पर राष्ट्रीय स्तर पर बहस होनी चाहिए। श्री कुमार ने गुजरात में पाटीदार को आरक्षण के मुद्दे पर पूछे जाने पर कहा कि वह पहले ही इसके लिए समर्थन दे चुके हैं और इसमें उनके रूख में परिवर्तन की कोई बात नहीं है। उन्होंने कहा कि वह इसे कृषि क्षेत्र के संकट के रूप में देखते हैं। संकट के कारण कृषि क्षेत्र में जुड़े ऐसे लोग जो पहले आरक्षण का विरोध किया करते थे, अब वे अपने लिए आरक्षण की मांग कर रहे हैं।
श्री कुमार ने सेल्फी से उभरे राजनीतिक विवाद को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कहा कि उन्हें ऐसी बातों से बेहद पीड़ा होती है। वह इन घटिया चीजों पर कोई बयान नहीं देते हैं। लोगों की जुबान ही खराब हो गयी है। अब गंदी-गंदी बातें करने लगे हैं। उन्होंने कहा कि वह बिहार के विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं और अपना काम करते रहेंगे।