केंद्रीय खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री राम विलास पासवान ने निजी दाल आयातकों से चेतावनी देते हुये कहा है कि वे अपने कारोबार में पारदर्शिता लायें । उन्होंने संवाददाताओं को बताया कि निजी दाल आयातकों की मनमानी के कारण दालों की कीमतें प्रभावित होती हैं । दाल आयातकों ने श्री पासवान को भरोसा दिया कि दालों के आयात में अब पारदर्शिता लायी जायेगी तथा खाद्य मंत्रालय के साथ हर माह बैठक कर उसे हर स्तर पर प्रगति की जानकारी दी जायेगी ।
श्री पासवान ने आयातकों से कहा कि वे विदेश में दालों की खरीद करने के बाद वहां इसका भंडारण करते हैं और जब दाल की कीमतें आसमान छूने लगती हैं तब उसे देश में लाया जाता है । उन्होंने पूछा कि जब पिछले तीन माह के दौरान दाल की न ही नयी फसल नहीं आयी, न ही इसका आयात बढा और न ही इसकी खपत में वृद्धि हुयी है, फिर भी दालों का मूल्य क्यों गिरने लगा है ।
खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री ने कहा कि दालों के थोक और खुदरा मूल्य में 10 से 12 प्रतिशत का अंतर होना चाहिये ,फिर भी खुदरा मूल्य में गिरावट क्यों नहीं हो रही है । उन्होंने कहा कि थोक व्यापारी जमाखोरी कर रहे हैं , जिसके कारण खुदरा मूल्य में कमी नहीं आ रही है । दाल आयातकों ने शिकायत की कि कृषि मंत्रालय दलहनों के उत्पादन के आंकड़े को बढाचढा कर पेश करता है, जिसके कारण वास्तविक आकडों पर वे दालों की आयात की योजना नहीं बना पाते हैं। श्री पासवान ने इस पर कहा कि सरकार यदि दलहनों का वास्तविक उत्पादन का आंकडा उपलब्ध करा देगी तो वे आयात की अग्रिम योजना बनायेंगे ।