शॉर्ट सर्विस कमीशन (एसएससी) के तहत सेवा देने वाले सेना के पूर्व अधिकारियों ने नियमित सैन्य अधिकारियों के समान चिकित्सा सुविधाओं और पेंशन की माँग की है। सेवानिवृत्त एसएससी अधिकारियों के संगठन ऑल इंडिया रिलीजड् डिफेंस ऑफिसर्स एसोसिएशन तथा आल इंडिया शॉर्ट सर्विस कमीशन आॅफिसर्स एसोसिएशन ने शुक्रवार को यहाँ धरना प्रदर्शन किया और केंद्र सरकार से नियमित सैन्य अधिकारियों के समान चिकित्सा तथा पेंशन सुविधाओं की माँग की।
सेना के पूर्व एसएससी अधिकारी और वर्ष 1971 के युद्ध में हिस्सा ले चुके कैप्टन जसपाल सिंह ने आरोप लगाया कि चिकित्सा सुविधाओं और पेंशन देने में उनके साथ भेदभाव किया जा रहा है। सरकार इन पूर्व अधिकारियों को उनका हक़ नहीं दे रही है। उन्होंने कहा कि सेना के दूसरे नियमित अधिकारियों की तरह एसएससी के अधिकारियों को चिकित्सा सुविधाएँ और वन रैंक वन पेंशन की तर्ज़ पर पेंशन दी जानी चाहिए।
उन्होंने बताया कि सेना में पाँच, 10 या 14 साल तक सेवा करने और कई अभियानों में भाग लेने के बाद भी अधिकारी पेंशन और चिकित्सा सुविधाओं के हक़दार नहीं होते हैं जबकि एक आम नागरिक को भी केंद्र और राज्य सरकार कई योजनाओं का लाभ देती है। देश के लिए लड़ने और गैलेंट्री अवॉर्ड जीतने वाले अधिकारियों को काफी परेशानी में जीवन गुजरना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि सेवानिवृत्त एसएससी अधिकारियों की संख्या लगभग सात हजार है अौर वे देश के विभिन्न हिस्सों में रह रहे हैं।