बिहार में नियोजित शिक्षकों का दो साल से चल रहा आंदलन अब सफल होत दिख रहा है. शिक्षा मंत्री ने विभाग से कहा है कि मानदेय बढ़ाने की कार्रवाई शुरू करे.
ज्ञात हो कि नियोजित शिक्षक पिछले दो साल से भी ज्यादा समय से बीच-बीच में प्रदर्शन करते रहे हैं. आम तौर पर विधानमंडल का सत्र शुरू होते ही राज्य के सवा तीन लाख शिक्षक मानदेय बढ़ाने के लिए सड़कों पर उतरते रहे हैं. लेकिन इसबार शिक्षा मंत्री वृशिन पटेल ने अपने विभाग को आगाह कर दिया है कि महंगाई बढ़ने के कारण शिक्षकों का मानदेय बढ़ाना अनिवार्य हो गया है.
अभी यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि मानदेय में कितना इजाफा होगा पर माना जा रहा है कि सरकार अगले साल के चुनावों को देखते हुए शिक्षकों को संतोषजनक तोहफा दे सकती है. वेतन वृद्धि का लाभ राज्य के सवा तीन लाख नियोजित शिक्षकों को मिलेगा। इनमें तीन लाख प्रारंभिक और 25 हजार माध्यमिक/उच्च माध्यमिक शिक्षक हैं.
उधर भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि नियोजित शिक्षकों को जो वेतन दिया जा रहा है वह चतुर्थवर्गीय कर्मियों को देय वेतन से भी काफी कम है। सरकार उनके नियत वेतन में वृद्धि करने की जगह अन्य कई राज्यों के समान उनके लिए वेतनमान का निर्धारण करें ताकि उनके वेतन में सम्मानजनक वृद्धि हो सके।
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