बिहार के सरकारी कर्मियों को जहां नये साल में सातवें वेतन आयोग का तोहफा मिलेगा वहीं 3 लाख से ज्यादा नियोजित शिक्षकों को इसका लाभ नहीं मिलने वाला. वेतन आयोग का मानना है कि तकनीकी तौर पर नियोजित शिक्षक राज्य के कर्मी नहीं बल्कि वे पंचायत या नगर निकाय के नियोजित कर्मी हैं.
सातवें वेतन आयोग के सदस्य राहुल सिंह ने दैनिक भास्कर को बताया है कि नियोजित शिक्षकों का नियोजन राज्य सरकार ने नहीं किया है ऐसे में उन्हें सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को देने पर विचार करने में तकनीकी रूप से बाधा है.
गौरतलब है कि 2006 से ही शिक्षकों को अनुबंध पर नियोजित कर नियत मानदेय दिया जा रहा था। जुलाई 2015 से वेतनमान दिया गया. नियोजित शिक्षकों की कुल संख्या 3 लाख 11 हजार के करीब है. ये शिक्षक राज्य के प्राथमिक, मध्य व उच्च विद्यालयों में सेवा दे रहे हैं.
गौरतलब है कि नियोजित शिक्षकों ने वेतमान प्राप्त करने के लिए बड़ा आंदिलन किया था. जिसके बाद उन्हें पिछले ही साल वेतनमान दिया गया था.