मांझी कैबिनेट की बहुचर्चित और बहुप्रतीक्षित बजट में पत्रकारों को पेंशन देने की घोषणा तो कर दी गयी लेकिन नियोजित शिक्षकों पर कोई फैसला नहीं हो पाया.
मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कैबिनेट की मीटिंग में अहम फैसला लेते हुए महादलित कैटेगरी में बाकी बचे अन्य जातियों को भी शामिल करने की घोषणा की है. इस बीच इस घोषणा की अशोक चौधरी ने कड़ी आलोचना करते हुए कहा है कि मुख्यमंत्री ने महादलितों का अपमान किया है.
कैबिनेट के फैसले में पत्रकारों को पेंशन देने की घोषणा की गयी है. लेकिन दूसरी तरफ बिहार के स्कूलों में नियोजित शिक्षकों को वेतन मान देने के फैसले पर मांझी सरकार ने फैसला नहीं लिया है. कुछ सूत्र बताते हैं कि सरकार इस पर फैसला लेगी. इस से पहले शिक्षकों पर आज ही फैसला करने की चर्चा चली लेकिन ऐसा कुछ नहीं हो सका.
शिक्षकों को नियमित वेतमान पर अगली बैठक
आज की कैबिनेट में आठ प्रस्ताव पर मुहर लगी। इस मौके पर सीएम मांझी ने एससी टोलों में और विकास मित्रों की बहाली करने को लेकर फैसला लिया. लेकिन नियोजित शिक्षकों को वेतनमान देने के मामले में वित्त विभाग की कुछ तकनीकी पेचीदगियों के चलते इस मामले को नहीं लाया जा सका. लेकिन सूत्रों का कहना है कि आगामी मंगलवार को होने वाली कैबिनेट की बैठक में इस मामले को फिर से लाये जाने की उम्मीद है.