मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने निषाद समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की लंबे समय से चल रही मांग पर आज कहा कि इसके लिए सर्वेक्षण कार्य चल रहा है, जो शीघ्र पूरा हो जाएगा। श्री कुमार ने पटना में शहीद जुब्बा सहनी की 73वीं शहादत दिवस पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुये कहा कि राज्य सरकार ने वर्ष 2015 में निषाद समाज की सभी सहजातियों को एक साथ करते हुये उन्हें अनुसूचित जनजाति की श्रेणी में शामिल करने के लिए केन्द्र को अनुशंसा भेजी गयी थी। इस पर केंद्र ने सर्वेक्षण कराने के लिये कहा है। उन्होंने कहा कि एएन सिन्हा इन्स्टीच्यूट को सर्वे करने की जिम्मेवारी दी गयी है। साथ ही संस्थान को सर्वे कार्य शीघ्र पूरा करने के लिए भी कहा गया है।
उन्होंने कहा कि हम अपना काम पूरी प्रतिबद्धता से करते हैं। हम जो कहते हैं, उसे करते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाओं की मांग पर ही राज्य में पूर्ण शराबबंदी लागू की गई और बिहार से पूरी दुनिया को नशामुक्ति का संदेश देने के लिए इस वर्ष 21 जनवरी मानव श्रृंखला बनायी गयी। इसमें चार करोड़ लोगों की भागीदारी हुयी। लोगों में शराबबंदी एवं नशामुक्ति के लिए काफी जागृति आ गई है। उन्होंने दो नंबर के कारोबार करने वालों को खत्म करने के लिये और जोर लगाने की अपील की।