नवगठित नीति आयोग की पहली बैठक छह फरवरी को होने जा रही है, जिसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आयोग की कार्यप्रणाली को रेखांकित कर सकते हैं। मोदी सरकार ने 65 वर्ष पुराने योजना आयोग के स्थान पर गत एक जनवरी को नीति आयोग गठित करने का ऐलान किया था। आयोग के सदस्य पहली बार श्री मोदी से नये संगठन की रूप रेखा को लेकर रूबरू होंगे और इससे उन्हें कार्य योजना को अंतिम रूप देने में भी मदद मिलेगी।
सूत्रों ने बताया कि भारतीय राष्ट्रीय परिवर्तन संस्थान ‘नीति आयोग’ की पहली बैठक छह फरवरी को निर्धारित की गयी है, जिसमें नवगठित इस संगठन की भूमिका स्पष्ट होने की उम्मीद है।इस बैठक के बाद यह स्पष्ट हो जायेगा कि आयोग को एक सरकारी निकाय का दर्जा दिया जायेगा या सिर्फ यह आर्थिक थिंक टैंक की भूमिका में रहेगा। बैठक में आयोग का राजस्व बढाने और व्यय को तर्कसंगत बनाने की भूमिका में भी स्पष्टता आने का अनुमान लगाया जा रहा है।
सूत्रों ने कहा कि आठ फरवरी को आयोग के संचालक परिषदकी बैठक होगी, जिसमें सभी राज्यों के मुख्यमंत्री और संघ शासित प्रदेशो के उप राज्यपाल शामिल होंगे। आयोग के अध्यक्ष श्री मोदी ने सात दिसंबर को सभी मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक की थी और उन्होंने योजना आयोग के स्थान पर बनाये जाने वाले संगठन पर उनके विचार मांगे थे। सूत्रों ने कहा कि छह फरवरी की बैठक में संचालक परिषदकी बैठक के लिए एजेंडा तय किये गये जायेंगे। नवगठित आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पनगढिया और आयोग के सदस्य बिबेक देबरॉय ने इस महीने के प्रारंभ में कार्यभार संभाला था। एक अन्य पूर्णकालिक सदस्य वी के सारस्वत के शीघ्र ही कार्यभार संभालने की उम्मीद है।
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