नीतीश कुमार द्वरा भाजपा के साथ सरकार गठन के बाद गौ आतंकियों का तांडव बिहार में पहुंच चुका है. यह दूसरी घटना है, जब गौ आतंकियों ने 7 लोगों को गाय का मांस रखने और खाने की अफवाह में जम कर पीटा.
चकित करने वाली बात यह है कि पुलिस ने गौ आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाये पीड़ता के खिलाफ केस दर्ज किया है.
यह घटना पश्चिम चम्पारण के डुमरा गांव की है ( 17 अगस्त) जब 50 से ज्यादा लोगों की भीड़ लाठी-डंडों के साथ शहाबुद्दीन नामक व्यक्ति के को एक घर में बंद करके पीटा . न्यू इंडियन एक्सप्रेस की खबर के अनुसार यह भीड़ भारत माता की जय के नारे के साथ आरोप लगा रहे थे कि शहाबुद्दीन ने एक मवेशी की हत्या की और उसका मांस खाया.
दैनिक जागरण की खबर में बताया गया है कि जब भीड़ वहां पहुंचे तो उसने पुलिस पर भी पथराव किया और मांग कर रहे थे कि शहाबुद्दीन को उसके हवाले किया जाये. इस मामले में पुलिस ने पीड़िता के खिलाफ केस दर्ज किया है. जबकि गौ आतंकियों के खिलाफ कोई शिकायत दर्ज नहीं की गयी. गांव की मुखिया के पति कुद्दूस कुरैशी ने इस मामले में बीच बचाओ करने की कोशिश की तो उन्हें भी इस मामले का आरोपी बना दिया गया. पुलिस ने इस मामले में कुद्दूस कुरैशी, मुस्तफा मियां, जहांगीर मियां, असलम अंसारी, बब्लु मियां और रिजवान मियां को नामित आरोपी बनाया है.
चनपटिया थानाध्यक्ष राजेश झा का कहना है कि इस मामले में बहुसंख्य समुदाय के धार्मिक भावनाओं को आहत पहुंचाने के मामले में सात लोगों को गिऱफ्तार किया गया है. उन्होंने कहा कि पुलिस मामले की जांच कर रही है. थानाध्यक्ष ने स्वीकार किया कि आक्रमणकारियों के खिलाफ कोई शिकायत दर्ज नहीं की गयी है.
गौरतलब है कि कोई तीन हफ्ता पहले इसी तरह की एक घटना भोजपुर में हुई थी. तब एक ट्रक पर गोमांस ले जाने की अफवाह में कुछ लोगों को पीटा गया था.