मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जनता परिवार के विलय की संभावना के मद्देनजनर आज राजद विधायकों के साथ मंथन किया। करीब डेढ़ घंटा चली बैठक के बाद यह निष्कर्ष निकला कि राजद-जदयू अटूट है और विलय को लेकर कोई संशय नहीं है। हालांकि नीतीश कुमार ने राजद के सरकार में शामिल करने की किसी संभावना को खारिज कर दिया है। बैठक के बाद राजद विधायक दल के नेता अब्दुलबारी सिद्दीकी ने कहा कि दोनों पार्टियां सुशासन के एजेंडे पर कायम हैं और विलय जल्दी हो जाएगा।
नौकरशाही ब्यूरो
लेकिन बैठक में शामिल विधायकों से चर्चा में यह बात उभरकर आयी कि अंदरखाने में सब कुछ सामान्य नहीं था। विलय की प्रक्रिया और बगावत की आशंका को लेकर भी चर्चा हुई। बैठक में एक विधायक ने विलय की संवैधानिक प्रावधानों की चर्चा की और कहा कि एक विधायक भी अगर विलय का विरोध करता है तो पार्टी का अस्तित्व बना रहेगा। वर्तमान राजनीतिक परिवेश में आप दलबदल कर सकते हैं, लेकिन विलय की राह में कई सांसद और विधायक रोड़े बन सकते हैं।
बैठक में सत्ता में हिस्सेदारी का भी सवाल उठा। राजद विधायकों ने कहा कि हमारे ही बल पर सरकार चल रही है, लेकिन सत्ता का लाभ पार्टी के कार्यकर्ताओं को नहीं मिल रहा है। हालांकि नीतीश ने राजद के सरकार में शामिल होने की किसी भी संभावना से इंकार कर दिया और कहा कि अब हमारी प्राथमिकता विलय को आगे बढ़ाने की है। साथ ही विधान सभा चुनाव में भाजपा की साजिश को नामाक करने का प्रयास करना है। कुल मिलाकर, राजद विधायकों के साथ नीतीश कुमार की बैठक लालू यादव की सहमति से की गयी थी और राजद विधायकों को ‘मान-सम्मान’ देने के लिए उनसे सीधे बात करने का निर्देश दिया गया था। इसी संदर्भ में नीतीश ने आज विधायकों की बैठक बुलायी थी और विधायकों से बात कर उनकी उपेक्षाओं को पूरा करने का भरोसा दिलाया।