रविवार को जद यू द्वारा आयोजित बिहार बंद तीन गंभीर रहस्यों से पर्टा उठा सकता है. जानिये वो कौन से तीन रहस्य हैं जो बिहार के भविष्य पर व्यापक असर डाल सकते हैं< इर्शादुल हक, सम्पादक नौकरशाही डॉट इन
रविवार का बिहार बंद तीन रहस्यों से पर्दा उठा सकता है- पहला क्या कांग्रेस राजद के साथ चुनाव लड़ेगी, दूसरा या फिर वह अंतिम समय में जद यू का दामन थाम कर भाजपा के खिलाफ ऐलान जंग करेगी और अगर उसने जद यू का साथ लिया तो तीसरे रहस्य से भी पर्दा उठ जायेगा कि बिहार को विशेष राज्य का पैकेज मिल जायेगा या नहीं.
शनिवार शाम को जिस तरह नीतीश कुमार ने अपने समर्थकों के साथ थाली पीट कर अपनी आवाज केंद्र तक पहुंचाने की कोशिश की, उससे यह स्पष्ट है कि लोकसभा चुनाव की अधिसूचना जारी होने के पहले ये तीन तस्वीर स्पष्ट हो जायेंगी. विशेष राज्य के दर्जे के लिए नीतीश के संघर्ष और आंदोलन का यह आखिरी तीर है जिसे उन्होंने छोड़ दिया है. अब फैसला कांग्रेस को करना है.
उधर शुक्रवार को लालू प्रसाद यादव दिल्ली से जिस नाउम्मीदी से और खाली हाथ लौटे हैं उससे यह लगने लगा है कि कांग्रेस, लालू और नीतीश में से किसी एक के लिए ऊहापोह की स्थिति में है. लेकिन अब वह और देर नहीं कर सकती. उसे अब तय करना होगा कि वह लालू प्रसाद के साथ जायेगी या नतीश के साथ.या फिर वह अपने दम पर चुनावी मैदान में कूदेगी.
लेकिन अगर वह नीतीश के साथ चुनाव लड़ने का फैसला करती है तो उसे उसके पहले बिहार के लिए विशेष पैकेज की घोषणा करनी पड़ेगी. इस लिहाज से नीतीश कुमार और उनकी पार्टी ने थाली पीटने और बिहार बंद का जो समय चुना है वह काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह फैसला लेने का आखिरी समय है क्योंकि आने वाले कुछ दिनों में चुनाव के लिए आचार संहिता लागू हो सकता है और तब केंद्र सरकार कोई बड़ा फैसला नहीं ले सकती.
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