सर्वोच्च न्यायालय में जदयू के बागी विधायकों की जीत से नीतीश कुमार को एक और हार का सामना करना पड़ा है। राज्य सभा के उपचुनाव के दौरान जदयू के अधिकृत प्रत्याशी के खिलाफ करने वाले जदयू के चार विधायकों ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू, राहुल कुमार, रविंद्र राय व नीरज कुमार बबलू की सदस्यता विधान सभा स्पीकर उदय नारायण चौधरी ने समाप्त कर दी थी। उस समय कहा जा रहा था कि सीएम नीतीश कुमार के निर्देश पर बागी विधायकों की सदस्यता समाप्त की गयी है। हालांकि कानूनी लड़ाई में स्पीकर हार गए हैं, जबकि बागी जीत गए हैं। लेकिन यह हार वस्तुत: नीतीश कुमार की है।
नौकरशाही ब्यूरो
पिछले दिनों लालू यादव व नीतीश कुमार के गठबंधन को विधान परिषद चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था। इसे गठबंधन की हार भी कहा गया। गठबंधन को लेकर सवाल भी खड़े किए गए। गठबंधन को लेकर आशंका भी जतायी गयी। लेकिन बागियों की जीत ने नीतीश कुमार का आत्मविश्वास तोड़ दिया है। सीएम ने बागियों के मुद्दे को प्रतिष्ठा जोड़ दिया था। यही कारण था कि सिंगल बेंच के निर्णय के बाद विधान सभा सचिवालय डबल बेंच में गया था और फिर मामला सर्वोच्च न्यायालय तक पहुंच गया था।
जहां तक स्पीकर की मनमानी का सवाल था, पहली बार विधायक बने बागी रविंद्र राय को विधान सभा के भवन में प्रवेश करने से रोक लगा दिया था। स्पीकर ने पहली बार विधायक बने बागी रविंद्र राय और राहुल कुमार को पूर्व विधायक को मिलने वाली सुविधाओं पर भी रोक लगा दी थी। लेकिन अब स्थिति बदल गयी है। अब चारों विधायक विधान सभा के अंतिम सत्र में शामिल होंगे और विधायक के रूप में मिलने वाली सुविधाओं का इस्तेमाल कर सकेंगे।