बिहार की नीतीश सरकार की शराबबंदी कानून अन्य प्रदेशों में लागू करने के दबाव के आगे दो भाजपाई प्रदेश झुकने को बेबस हो गये हैं. पहले मध्य प्रदेश तो अब छत्तीसगढ़ के मुख्य मंत्रियों ने इस कानून को लागू करने का फैसला कर लिया है.
नौकरशाही ब्यूरो
बिहार में 4 अप्रैल 2016 से पूर्ण शराबबंदी कानून लागू है. इस कानून के लागू होने के बाद नीतीश कुमार ने देश भर में घूम घूम कर शराबबंदी लागू करने की वकालत की थी. हाल ही में नीतीश कुमार ने छत्तीसगढ़ में शराबबंदी अभियान में शिरकत की थी. इसके बाद छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमण सिंह ने नीतीश कुमार से मुलाकात की और शराबबंदी लागू करने का ऐलान कर दिया है. इसस पहले मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री ने भी एक एक कर शराबबंदी लागू करने का ऐलान किया था.
गुजरात के बाद बिहार एक तन्हा प्रदेश था जहां पूर्ण शराबबंदी लागू की गयी थी. इस के बाद सीएम नीतीश कुमार के इस कदम की तारीफ खुद पीएम नरेंद्र मोदी ने भी की थी.
रमन सिंह ने ये ऐलान अपनी बिहार यात्रा के दौरान ही किया. गौरतलब है कि बिहार में नीतीश कुमार सरकार ने पूर्ण शराबबंदी लागू कर रखी है. गुजरात के बाद ऐसा करने वाला बिहार दूसरा राज्य बन गया है. नीतीश शुरू से ही कहते रहे हैं कि किसी भी प्रदेश में शराबबंदी पूरी तरह से तभी सफल हो सकती है जब पूरे देश में इसे बंद कर दिया जाए. लगता है कि नीतीश की अपील रंग दिखाने लगी है.
सोमवार को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कहा था कि राज्य में चरणबद्ध तरीके से शराबबंदी लागू की जाएगी.
शिवराज की तर्ज पर आज रमन सिंह ने भी छत्तीसगढ़ में चरणबद्ध तरीके के शराबबंदी लागू करने का ऐलान किया. रमन सिंह दो दिन की अपनी निजी यात्रा पर बिहार में हैं और आज सुबह ही उन्होंने पटना में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात की थी. मुलाकात के बाद मुंगेर में रमन सिंह ने कहा कि जिन गांवों की आबादी 3 हजार या उससे ज्यादा है पहले वहां शराबबंदी की जाएगी. उन्होंने कहा कि मैं छत्तीसगढ़ में शराब बंदी लागू करूंगा और राज्य अब इस दिशा में आगे बढ़ेगा. रमन सिंह मुंगेर में स्वामी निरंजनानंद सरस्वती के आश्रम में उनसे मिलने पहुंचे थे.
बिहार के बाद छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश मे शराब बंदी कानून लागू करने की शुरुआत नीतीश कुमार की सामाजिक क्रांति की उपलब्धि के रूप में दर्ज की जायेगी.