नीतीश की चाणक्यीय नीति पर अमल करते हुए विधानसभा अध्यक्ष उदयनारायण चौधरी ने जेडीयू को सदन में विपक्ष का दर्जा दे कर भाजपा के किये कराये पर पानी फेर दिया है.
इतना ही नहीं मांझी द्वारा सदन में विश्वास मत हासिल करने के ठीक एक दिन पहले विधानसभा अध्यक्ष ने भाजपा से विरोधी दल के नेता की पदवी भी छीन ली है और इस पद पर जद यू के नेता विजय चौधरी को नियुक्त किया है.
जद यू के इस चाल का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि सदन में बहस के दौरान भाजपा की जगह जद यू को मिल जायेगा जिसके कारण भाजपा को आक्रमण करने का मौका न के बराबर मिलेगा.
इन फौसलों से तिलमिलाई भाजप ने इसका खासा विरोध भी जताया, लेकिन विरोध काम नहीं आया। बीजेपी ने नेता विपक्ष का दर्जा खत्म करने के फैसले के खिलाफ स्पीकर के चैंबर के बाहर प्रदर्शन भी किया.
बिहार में सियासी उठापटक अपने निर्णायक मोड़ पर आ चुका है.कल यानी 20 फरवरी को सीएम मांझी को विधानसभा में बहुमत साबित करना है. बीजेपी में उन्हें समर्थन को लेकर मंथन चल रहा है. उसके ज्यादातर एमएलए मांझी की हिमायत में हैं पर भाजपा आफिसियली अभी तक कोई फैसला नहीं कर पायी है. लेकिन इस बीच जेडीयू ने सियासी दांव खेलकर बीजेपी को पहली शिकस्त दे कर मनोवैज्ञानिक दबाव बनाने में सफल हो गयी है.