सीएम नीतीश कुमर ने शराबबंदी उसे उत्पन्न बेरोजगारी से राहत देने के लिए शराबविक्रेताओं को दूध और दुग्ध उत्पाद बेचने का विकल्प दिया है.
नीतीश कुमार ने कहा कि तकरीबन 6000 शराब की दुकानों के पास बिहार सरकार के अंतर्गत चलने वाली डेयरी सुधा के उत्पादों बेचने का विकल्प होगा. गौरतलब है कि बिहार राज्य सहकारी दुग्ध उत्पादन फेडरेशन लिमिटेड बिहार सरकार की इकाई है जो दूध और दुग्ध उत्पाद का कारोबार करती है. नीतीश का यह प्रस्ताव उन दुकानदारों के लिए है जो अब तक शराब की दुकानें चलाते रहे हैं और एक अप्रैल 2016 से शराब पर पाबंदी लगने के बाद इन दुकानदारों को बेरोजगार होने का भय सता रहा है.
जेडीयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद कुमार ने कहा कि राज्य में मद्य निषेध लागू करने की योजना के बारे में वह पूरी तरह दृढ़ हैं. उन्होंने कहा कि यह उनकी प्रतिबद्धता है और राज्य की लाखों महिलाएं ऐसा चाहती हैं.
बिहार में शराब से लगभग चार हजार करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त होता है. लकिन सरकार चाहती है कि शराब पर पाबंदी लगा दी जाये.
चुनाव के पहले एक कार्यक्रम में नीतीश कुमार ने महिलाओं की शराब बंदी से संबधित मांग पर वादा किया था कि उनकी सरकार दोबारा चुन कर आती है तो वह राज्य में शराबबंदी को लागू कर देंगे.