मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नवनिर्वाचित पंचायत प्रतिनिधियों की पाठशाला लगायी। ‘गुरुजी’ सचिवालय के सभा के कक्ष में और ‘शिष्य’ जिला मुख्यालयों में लगी कक्षाओं में। बीच का माध्यम था वेबकास्ट। एकदम हाईटेक कक्षा और सपनों से जवान विद्यार्थी। पंचायत राज में सपनों को साकार करने का जज्बा। हम बात कर रहे हैं पंचायत प्रतिनिधियों के उन्मुखीकरण कार्यक्रम की। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पटना से वेबकास्टिंग के माध्यम से पंचायत प्रतिनिधियों को अधिकार, कर्तव्य और संभावनाओं के बारे में बता रहे थे। उधर जिला मुख्यालय में बनाये गये सभा कक्ष में बड़े स्क्रीन पर जनप्रतिनिधि सीएम का भाषण सुन रहे थे।
वीरेंद्र यादव
करीब एक घंटे के अपने संबोधन में सीएम ने ‘नीतीश निश्चय’ के सात संकल्पों पर जोर दिया और कहा कि इसको साकार करने का दारोमदार पंचायत प्रतिनिधियों के कंधों पर है। पंचायत के संसाधनों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आवश्यकता पड़ने पर मुखिया स्थानीय स्तर पर टैक्स लगा सकते हैं। हर घर नल का जल योजना को कार्यान्वित करने में वार्ड पार्षदों की भूमिका भी महत्वपूर्ण होगी। योजनाओं के चयन और कार्यान्वयन में पारदर्शिता की हिदायत देते हुए कहा कि पंचायत सरकार के माध्यम से ही समृद्ध गांव का सपना साकार होगा।
मीडिया पर निकाली भड़ास
मुख्यमंत्री ने मीडिया पर भी जमकर भड़ास निकाली। उन्होंने कहा कि शराबबंदी से बिहार में सामाजिक परिवर्तन शुरू हुआ है। इसका असर गांवों में दिखने लगा है। सीएम ने इस बात पर चिंता जतायी कि शराबबंदी को लेकर कई शरारतपूर्ण और निराधार खबरें भी देखने और पढ़ने को मिल रही हैं। यह सब साजिश के तहत किया जा रहा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि पंचायत में शराब पीने या मिलने पर मुखिया के खिलाफ कार्रवाई की कोई योजना नहीं है। पड़ोसियों की गिरफ्तारी जैसी कोई बात नहीं है। ऐसा कोई कानून नहीं बनने वाला है। यह सब शराबबंदी विरोधी ताकतों द्वारा फैलायी गयी अफवाह है। इस पर विश्वास करने की जरूरत नहीं है।
ये भी थे मौजूद
मुख्यमंत्री की पाठशाला में उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, पंचायती राज मंत्री कपिलदेव कामत, मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह, सीएम के प्रधान सचिव चंचल कुमार समेत अनेक विभागों के मंत्री और वरीय अधिकारी मौजूद थे। कार्यक्रम में बिहार ग्राम स्वराज योजना सोसाइटी की बेवसाइट और पांच पुस्तकों का लोकार्पण भी किया गया।