नीतीश कुमार के दो पन्नों की जिज्ञासा का समाधान सुशील मोदी ने तीन पन्नों में कर दिया। नीतीश ने मांगा जवाब, मोदी ने उलाहना थमा दिया। नीतीश के सवाल के जवाब में सुशील मोदी ने सवालों का नया पुलिंदा भिजवा दिया। नीतीश के दवा घोटाले के घाव पर सुशील ने मलहम की जगह मिर्ची लेप दिया। सुशील ने अलग-अलग विंदुओं पर नीतीश कुमार से ही 13 सवाल पूछ लिए हैं। इसमें नीतीश के कुर्मी कनेक्शन पर हमला किया गया है।
बिहार ब्यूरो प्रमुख
अपने जवाबी पत्र में सुशील ने लिखा है किआपने दवा घोटाले से संबंधित कुछ सूचनाएं मुझसे मांगी । जैसे मैं बिहार सरकार के किसी विभाग का सूचना अधिकारी हूं । मोदी ने सुझाव भी दिया- आप इन तमाम सूचनाओं को सूचना के अधिकार के तहत बिहार सरकार से मांग सकते हैं । वैसे आपको इसके लिए तकलीफ करने की जरूरत नहीं, क्योंकि आप ही हैं बिहार के वास्तविक सरकार । मुख्य सचिव से लेकर प्रधान सचिव तक सीएम के बजाय आपको ही रिपोर्ट करते हैं । अगर आपके और सीएम आवास पर कोई सीसीटीवी कैमरा हो या फिर फोन कॉल का रिकॉर्ड निकाला जाए तो पता चल जाएगा सरकारी अधिकारी आपके आवास पर ज्यादा जाते हैं और सीएम आवास पर कम । आपके नालंदा दौरे में 61 गाडि़यों के काफिले में 40 से ज्यादा गाडि़यां केवल सरकारी अधिकारियों की थी । सीएम के सचिव अतीश चंद्र किस हैसियत से आपके काफिले में शामिल थे, पता नहीं ।
मोदी के सवाल में नीतीश के कुर्मी कनेक्शन पर ज्यादा बल दिया है। सांसद आरसीपी सिंह, दवा घोटाले में चर्चित संजय कुमार, एक कुर्मी विधान पार्षद के बहनोई से जुड़े कई सवाल मोदी ने पूछा है। दवा घोटाले का कनेक्शन नीतीश कुमार, कुर्मी और नालंदा से जोड़कर सुशील मोदी कई तरफ से एक बार प्रहार करना चाहते हैं। आरसीपी सिंह को लपेटे में लेकर मोदी ने जदयू संगठन में आरसीपी की पकड़ पर प्रहार करना चाहा है तो विधान पार्षद पर हमला कर घोटाले में सरकार के हस्तक्षेप पर भी सवाल खड़ा किया है। दवा घोटाले की जड़ दवा व्यवसाय में कुर्मी और भूमिहारों की स्पर्धा में बदल जाए, तो कोई आश्चर्य नहीं।