मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जब पाकिस्तान में दौरा कर रहे होंगे तो उनके साथ वहां गये अनेक लोग अपने पाकिस्तानी रिश्तेदारों के साथ रिश्तेदारी निभा रहे होंगे. मुख्यमंत्री आज दिल्ली-दुबई होते हुए पाकिस्तान रवाना हो रहे हैं.
गृहसचिव आमिर सुबहानी और खुदा बख्श लाइब्रेरी के निदेशक इम्तेयाज अहमद अपने उन रिश्तेदारों से मिलेंगे जिनके पूर्ववज देश बंटवारे के बाद पाकिस्तान शिफ्ट कर गये थे. आमिर सुबहानी और इम्तेयाज अहमद के रिश्तेदार पाकिस्तान में रहते हैं.
इस यात्रा में जाने के लिए कुछ लोग इतने उतावले रहे जैसे वह किसी पिकनिक पर जाना चाह रहे हैं. जद यू के एक नेता ने नाम न छापने के शर्त पर कहा, “एसे अवसर पिकनिक से कम नहीं होते”.
पिछले दो महीने से मुख्यमंत्री की यात्रा जहां चर्चे में रही है वहीं वहां जाने के लिए अनेक अधिकारियों-नेताओं में आपाधापी लगी रही थी. कभी किसी का नाम आता तो दूसरे क्षण किसी का नाम कट जाता. विधानपरिष्द के उपसभापति सलीम परवेज का नाम पहली सूची में शामिल नहीं था. पर अंतिम सूची में उनका नाम अचानक आ गया.
सूची में नाम आने और कटने का खेल पिछले एक महीना से चलता रहा. इसके लिए कई असरदार लोगों ने अपने लिए स्थान पक्का किया वहीं कुछ लोगों के नाम कटने से उन्हें काफी नाराजगी भी है.
पाकिस्तान नहीं जा पाने वाले एक सूत्र ने आरोप लगाया है कि नौकरशाहों के यहां जिनकी पहुंच थी उन्हें सूची में डाला गया और जिनका रसूख कम था वह पाकिस्तान यात्रा से वंचित रह गये.
प्रतिनिधिमंडल में मुख्यमंत्री के साथ उद्योग मंत्री रेणु कुमारी, कला संस्कृति एवं युवा विभाग मंत्री प्रो. सुखदा पाण्डेय, विधानपरिषद के उप सभापति सलीम परवेज, अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष नौशाद अहमद, सांसद एनके सिंह, मुख्य सचिव एके सिन्हा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव अंजनी कुमार सिंह, प्रधान सचिव गृह आमिर सुबहानी, मुख्यमंत्री के सचिव अतीश चंद्रा, सवर्ण जाति आयोग के सदस्य मोहम्मद अब्बास, खुदाबख्श लाइब्रेरी के निदेशक डा.इम्तियाज अहमद हैं.
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