नीतीश सरकार के बढ़ चला बिहार कार्यक्रम को जबर्दस्त धक्का देते हुए हाईकोर्ट ने साफ कहा है कि इस प्रचार अभियान में सीएम नीतीश का विजुअल न दिखया जाये.
मुख्य न्यायाधीश एल. नरसिम्हा रेड्डी ने राज्य सरकार को आदेश दिया कि इस अभियान के दौरान प्रचार वाहन से मुख्यमंत्री सहित राज्य के किसी मंत्री का विजुअल नहीं दिखाया जाएगा. अभियान पर सफाई देने कोर्ट पहुंचे सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के प्रधान सचिव अमृत प्रत्यय को भी कोर्ट ने जमकर फटकार लगाया.
गौरतलब है कि नीतीश कुमार ने करोड़ों के प्रोजेक्ट के तहत चार सौ ट्रकों का काफिला तैयार किया है जिसमें सरकार की उपलब्धियों को गांव गांव तक पहुंचाने की कोशिश की जा रही है.
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पिछले महीने इस अभियान की शुरूआत बड़ी तामझाम से शुरू करते हुए नीतीश कुमार ने इसे विश्व का सबसे बड़ा अभियान करार देते हुए कहा था कि हम राज्य के आठ लाख गांवों में जायेंगे और उनसे आगामी 2025 का बिहार कैसा हो इसके बारे में राय लेंगे ताकि अगली सरकार लोगों की राय पर आधारित योजनायें बना सके.
इसके पहले चुनाव आयोग ने इस अभियान को यह विधान परिषद चुनाव के दौरान रोक लगा दिया था. इस अभियान के लिए सरकार ने निजी एजेंसियों को लगाया है.
हालांकि मुख्य विपक्षी दल भाजपा का आरोप है कि सरकार पब्लिक मनी से अपना प्रचार कर रही है.
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