राष्ट्रमंडल संसदीय संघ के भारत प्रक्षेत्र का छठा सम्मेलन पर ‘लालू ग्रहण’ लग गया। सम्मेलन के नाम पर सीएम नीतीश ने अपना ‘ब्रांड शॉप’ सजा कर रखा था। दुकान चकाचक दिख रही थी। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने पहले ही घोषणा कर दी थी कि सम्मेलन में शामिल नहीं होंगे। इस कारण मंच आशंकाओं से मुक्त हो गया था। हालांकि राजद के विधायक बड़ी संख्या में सम्मेलन में शामिल हुए।
वीरेंद्र यादव
विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने अपने स्वागत भाषण में संतुलित भाषा का इस्तेमाल किया। आयोजन में सहयोग के लिए सरकार का आभार भी जताया। इसके बाद बारी आयी भाजपा विधायक दल के नेता व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी की। उन्होंने अपने भाषण को भ्रष्टाचार की ओर ले गये। इससे स्पष्ट हो गया कि वे भ्रष्टाचार की आड़ लालू यादव पर निशाना साधेंगे। हुआ भी यही। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के दोषी करार दिये गये कई पूर्व मुख्यमंत्री जेल में हैं। इसके बाद राजद के विधायकों और नेताओं ने जमकर हंगामा किया और सम्मेलन का बहिष्कार भी किया। काफी देर तक ज्ञान भवन के सभागार में हंगामा भी करते रहे और सुशील मोदी के खिलाफ नारे लगाते रहे। इस बीच सम्मेलन की अध्यक्ष और लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन को बीच में आकर हस्तक्षेप करना पड़ा और उन्होंने कहा कि सम्मेलन में आप आमंत्रित सदस्य हैं। यह विधान सभा नहीं है। इस हंगामा के बीच पत्रकारों और पुलिस के एक वरीय अधिकारी के बीच नोकझोंक भी हुई। तब तक राजद के सदस्य हॉल से बाहर हो गये थे।
नीतीश कुमार के ब्रांड शॉप के पोपुलर प्रोडक्ट हैं- शराबबंदी, कतारबंदी और दहेजबंदी। उन्होंने अपने भाषण में जमकर अपने प्रोडक्ट की मार्केटिंग की। हालांकि ताली बजाने वाले लोग कम ही मिले। स्पीकर सुमित्रा महाजन ने अपने संबोधन में राष्ट्रमंडल संसदीय संघ के उपयोगिता पर प्रकाश डाला। उन्होंने नीतीश कुमार के साथ लोकसभा से जुड़े अनुभव भी साझा किये।
सम्मेलन में आये अतिथियों के लिए भोज का जबरदस्त इंतजाम था। ज्ञान भवन के निचले तले के हॉल में भोज का इंतजाम किया गया था। भोज के लिए दो हॉल बनाये गये थे। पहले हॉल में प्रदेश के बाहर के अतिथियों और राज्य सरकार के मंत्रियों के लिए भोज की व्यवस्था थी। इसमें लोकसभा की अध्यक्ष सुमित्रा महाजन और उनके सचिवालय के सदस्य, विदेशी अतिथि और दूसरे राज्यों के अतिथियों के लिए भोज की व्यवस्था थी। दूसरे हॉल में राज्य के सांसद, विधायक, विधान परिषद व अधिकारियों के लिए भोज का इंतजाम था। दोनों हॉलों की व्यवस्था और मेनू भी अलग-अलग था।
लोकसभा स्पीकर करीब साढ़े दस बजे ज्ञान भवन पहुंचीं। मुख्यंत्री नीतीश कुमार व स्पीकर विजय चौधरी ने उनका स्वागत किया। सभागार में पहुंचने से पहले नीचे में ही ग्रुप फोटोग्राफी की व्यवस्था थी। इस दौरान उत्तर प्रदेश के विधान सभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित (जैसा कि अधिकारियों ने बताया) ग्रुप फोटोग्राफी में अपने लिए स्थान नहीं होने के कारण नाराज हो गये। वे ग्रुप के साथ खड़ा होने को तैयार नहीं थे। लेकिन सुमित्रा महाजन और नीतीश कुमार के आग्रह पर वे ग्रुप में शामिल होने को तैयार हो गये। उनके आने के कारण एक कुर्सी कम हो गयी। इस कारण एक अतिरिक्त कुर्सी लगानी पड़ी और सुमित्रा महाजन को भी अपने लिए निर्धारित कुर्सी से हटकर बैठना पड़ा।
विधान सभा सचिवालय ने अतिथियों के लिए व्यापक इंतजाम किये थे। हर डेलीगेट के लिए दो-दो व्यक्ति को प्रतिनियुक्त किया गया था। अतिथियों को बैठाने से लेकर हर प्रकार की मदद के लिए लोग तैनात थे। पत्रकारों के लिए भी अलग कांउटर पर विधान सभा के अधिकारी तैनात थे। कुल मिलाकर राष्ट्रमंडल संसदीय संघ के भारत प्रक्षेत्र के छठे सम्मेलन का उद्घाटन सत्र शोर-शराबे और हंगामे के बीच शांतिपूर्ण संपन्न हो गया।