मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सरकार का 11वां वर्ष या महागठबंधन सरकार का एक वर्ष। कल रविवार को प्रस्तुत होने वाले रिपोर्ट कार्ड के प्रकाशन का बड़ा सवाल यही था। काफी विचार-विमर्श के बाद सरकार के तीनों दल इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि रिपोर्ट कार्ड में महागठबंधन सरकार के एक वर्ष की उपलब्धियों का लेखाजोखा होगा। नीतीश कुमार के पहले 10 वर्षों की उपलब्धियों को फिलहाल हासिए पर रख दिया गया है। इस आपसी सहमति को न्यूनतम साझा कार्यक्रम का हिस्सा भी कहा जा सकता है।
वीरेंद्र यादव
सात निश्चय और सुशासन के कार्यक्रम का राग
प्राप्त जानकारी के अनुसार, नीतीश कुमार के सहयोगी बदलने के बाद नारे भी बदल दिए हैं। जब सरकार में भाजपा भी शामिल थी, तब नारा था- न्याय के साथ विकास। जब तक भाजपा सरकार में थी, तब रिपोर्ट कार्ड का थीम था- न्याय के साथ विकास। लेकिन राजद और कांग्रेस के समर्थन और साझेदारी से बनी नीतीश कुमार की जदयू सरकार का थीम बदल गया है, नारा भी बदल गया। रिपोर्ट कार्ड में दो शब्दों पर ज्यादा फोकस किया गया है- सात निश्चय (नीतीश निश्चय) और सुशासन के कार्यक्रम। इन दोनों शब्दों का इस्तेमाल सीएम अपने सभी संबोधनों में करते हैं। इसकी छाप भी रिपोर्ट कार्ड में दिखेगी।
140 पन्नों का रिपोर्ट कार्ड
करीब 140 पन्ने के बहुरंगी रिपोर्ट को हिन्दी के साथ अंग्रेजी और उर्दू में भी प्रकाशित किया जाएगा। हर पन्ने पर सात निश्चय और सुशासन के कार्यक्रम से जुड़ी सूचनाएं और उपलब्धियों को जगह दी गयी है। हर पन्ने पर कम से कम एक तस्वीर का इस्तेमाल किया गया है। तस्वीर के चयन में इस बात का ध्यान रखा गया है कि योजनाओं के शुभारंभ, उद्घाटन या शिलान्यास के मौके पर सीएम की मौजूदगी नजर आए। कुछ तस्वीरों में उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को फोकस किया गया है, जबकि अन्य मंत्रियों की तलाश मुश्किल हो सकती है। रिपोर्ट कार्ड पूरी तरह नीतीश कुमार पर केंद्रित है। उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को समायोजित करने का प्रयास किया गया है, ताकि अनदेखी का आरोप नहीं लगे। फिलहाल रिपोर्ट कार्ड का अध्ययन या विश्लेषण का मौका इसकी प्रस्तुति के बाद ही मिलेगा, तब तक इंतजार ही करना पड़ेगा।