मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने पहली बार जदयू के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर सीधा हमला करते हुये उन्हें ‘भीष्म पितामह’ बताया और कहा कि अब महाभारत होकर रहेगा। इस बीच शरद यादव ने राज्यपाल को पत्र लिखकर कहा है कि सीएम की कोई सिफारिश नहीं मानी जाए, क्योंकि उनके साथ बहुमत नहीं है।
श्री मांझी ने आज सहरसा कहा कि श्री कुमार जदयू में भीष्म पितामह की भूमिका में हैं। जो उनपर हो रहे अत्याचर को देख रहे हैं, लेकिन कुछ बोल नहीं रहे हैं। उन्होंने कहा कि महाभारत में भी जब द्रौपदी का चीरहरण हो रहा था, तब भीष्म पितामह मौन थे। इसके कारण ही महाभारत हुआ था। मुख्यमंत्री ने कहा कि पार्टी में कुछ लोग नहीं चाहते है कि वह गरीबों के लिये काम करें। वह चाहते थे कि यदि वह गरीबों के लिये काम नहीं कर रहे हैं तो श्री कुमार सामने आकर कहते कि वह गलत है लेकिन ऐसा करने के बजाये श्री कुमार दूसरों से कुछ न कुछ कहवाते रहते है। उन्होंने कहा कि अब लड़ाई आरपार की है, जिसे वह लड़ने को तैयार हैं।
श्री मांझी ने कहा कि श्री कुमार ने ही मुझे मुख्यमंत्री बनाया था और मुख्यमंत्री का पदभार संभालने के बाद से लगातार उनके बताये मार्गों पर चलने की कोशिश कर रहा हूं। लेकिन कुछ लोग स्वतंत्र तौर पर काम नहीं करने दे रहें है। उन्होंने पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और राज्यसभा सांसद के.सी.त्यागी को यमराज बताया और कहा कि वह उन्हें मुख्यमंत्री के पद से हटाना चाहते हैं। खगडि़या में श्री मांझी ने कहा कि केसी त्यागी पागल हो गये हैं। इसलिए वह उनके निष्कासन की बात कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह जदयू विधायक दल के नेता हैं और इस नाते विधायक दल की बैठक बुलाने का अधिकार उनका है।