नीतीश के 13 वर्ष के कार्यकाल में पहली बार बहाल होने जा रहे हैं 900 पशु चिकित्सक.
कृषि प्रधान राज्य, बिहार की अर्थव्यवस्था काफी हद तक पशुओं से जुड़ी है लेकिन नीतीश सरकार ने अब तक स्था पशुचिकित्सकों की नियुक्ति नहीं की. लेकिन अब राज्य के लिए यह अच्छी खबर है कि 1400 के करीब खाली पदों में से जल्द ही 903 पद भरे जा रहे हैं.
हिंदुस्तान की खबरों के मुताबिक आयोग में साक्षात्कार के बाद की लगभग प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। केवल मेरिट लिस्ट बना कर सूची जारी करने का काम शेष है। इन बहालियों से विभिन्न पशु अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी काफी हद तक दूर हो जाएगी।
राज्य में पशुधन की संख्या और राष्ट्रीय मानक के मुताबिक राज्य में कम से कम पांच हजार वेटनरी डॉक्टरों की जरूरत है। इसके आलावा सरकार के नए फैसले से 24 खुले रहने वाले पशु चिकित्सालयों में कम से कम पांच डॉक्टरों की तैनाती जरूरी हो गई है। .
पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग एन विजय लक्ष्मी का दावा है कि 903 पशु चिकित्सकों की बहाली की अनुशंसा जल्द भेजने का आग्रह आयोग से किया गया है। आयोग ने 15 दिनों के अंदर अनुशंसा भेजने का आश्वासन दिया है। .
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राज्य में पशु चिकित्सकों की बहाली पिछले 11 साल से नहीं हो सकी है। पिछली रिक्तियां 2004 में निकाली गई थीं लेकिन काफी मथा पच्ची के बाद 2011 में 125 पशु चिकित्सकों की नियुक्ति हो सकी थी. उस समय जब इन नियुक्तियों की प्रक्रिया शुरू हुई थी तब राबड़ी देवी मुख्यमंत्री थीं. लेकिन 2005 में पहली बार हुए चुनाव के बाद फिर दोबारा चुनाव हुुए. तब जा कर नीतीश कुमार की सरकार बनी. उसके बाद यह नियुक्ति प्रक्रिय बाधित रही. फिर इस पर जब आगे काम हुआ तब तक सात साल बीत गये थे.