जैसे-जैसे राज्यसभा चुनाव नजदीक आ रहा है, वैसे-वैसे स्थिति साफ होती जा रही है। सात जुलाई को बिहार के पांच सदस्यों का कार्यकाल खत्म हो रहा है। सभी सदस्य जदयू के ही हैं। नये सदस्यों का चुनाव जून महीने में होगा।
वीरेंद्र यादव
जदयू में नो वैकेंसी, मीसा जाएंगी राज्य सभा
जदयू के अंदरखाने से प्राप्त हो रही खबर के अनुसार, पार्टी के कोटे से दो सदस्य राज्य सभा में जाएंगे। नाम को लेकर खींचतान जारी है। पवन वर्मा और गुलाम रसुल बलियावी दौड़ से बाहर हैं। बाकी तीन सदस्यों पूर्व अध्यक्ष शरद यादव, पार्टी महासचिव केसी त्यागी और उपाध्यक्ष आरसीपी सिंह के बीच दौड़ जारी है। नीतीश कुमार के हाथों में पार्टी की कमान आने के बाद पार्टी का सत्ता समीकरण बदला है। उसमें शरद यादव कमजोर पड़े हैं, लेकिन फिलहाल उन्हें अप्रासंगिक नहीं माना जा सकता है। बताया जा रहा है कि शरद यादव और केसी त्यागी को फिर से राज्य सभा भेजा जाएगा, जबकि आरसीपी सिंह को विधान परिषद भेजा जाएगा। इसके साथ उन्हें राज्य मंत्रिपरिषद में शामिल किया जाएगा। इसका मकसद नीतीश कुमार के राष्ट्र व्यापी दौरों के बीच सत्ता पर प्रत्यक्ष नियंत्रण किसी विश्वस्त का बना रहे।
मोदी के नाम पर भाजपा में बन सकती है सहमति
राजद कोटे से भी दो सदस्य राज्यसभा में जाएंगे। पहले चर्चा थी कि राबड़ी देवी या मीसा भारती में से कोई एक राज्य सभा में जाएंगी। लेकिन अब स्पष्ट हो गया है कि मीसा भारती ही राज्यसभा में पार्टी का प्रतिनिधित्व करेंगी। पार्टी ने यह निर्णय उनकी राजनीतिक संभावनाओं को देखते हुए लिया है। हालांकि दूसरे नाम पर पार्टी अभी चुप है। भाजपा कोटे से एक व्यक्ति राज्य सभा में जाएंगे। अभी उम्मीदवार के नाम पर सहमति नहीं बनी है। राज्य सभा के लिए उम्मीदवार का चयन केंद्रीय कमेटी करेगी। हालांकि पटना के राजनीतिक गलियारे की चर्चा के अनुसार, भाजपा विधानमंडल के नेता सुशील मोदी के नाम पर आम सहमति बन सकती है। उधर तीनों पार्टियों में राज्यसभा चुनाव को लेकर सरगर्मी तेज हो गयी है और दावे-प्रतिदावे का दौर शुरू हो गया है। लेकिन अंतिम दावेदारी के लिए अभी इंतजार करना होगा।