मधुबनी जिले में वर्ष 2012 में हुई पुलिस फायरिंग न्यायिक जांच आयोग ने मंगलवार को अपनी अंतिम रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंप दी। मधुबनी पुलिस फायरिंग न्यायिक जांच आयोग के अध्यक्ष अवकाश प्राप्त न्यायाधीश उदय सिन्हा ने मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के सरकारी आवास संकल्प में श्री मांझी को यह रिपोर्ट सौंपी। मुख्यमंत्री ने कहा कि जांच प्रतिवेदन पर सरकार अध्ययन करेगी और इसके बाद इस पर उचित कार्रवाई करेगी। सूत्रों ने बताया कि रिपोर्ट में भीड़ के हिंसक प्रतिरोध के कारणों और प्रशासनिक सतर्कता या विफलता को लेकर खास तौर से फोकस किया गया है।
इस मौके पर राज्य के गृह विभाग के प्रधान सचिव आमिर सुबहानी, सचिव शशिभूषण वर्मा, मुख्यमंत्री के सचिव संजय कुमार सिंह और गृह विभाग के विशेष सचिव कमल नारायण सिन्हा भी मौजूद थे। गौरतलब है कि प्रेम प्रसंग में मधुबनी जिले के अरेर थाना के अरेर गांव का युवक प्रशांत लापता हो गया था। दो दिन बाद मधुबनी शहर के निकट से एक युवक का शव बरामद हुआ, जिसे युवक के परिजनों प्रशांत का शव बताया था। इसके बाद लोग उग्र हो गये और अनुमंडलाधिकारी के कार्यालय, भूअर्जन पदाधिकारी के कार्यालय, समाहरणालय और मधुबनी थाना में आग लगा दी थी। इसके बाद भीड़ ने कुछ वाहनों में आग लगा दी शहर में तोड़फोड़ किया था।
इसके बाद उग्र भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने गोलियां चलायी, जिसमें तीन लोगों की मौत हो गयी थी। उस वक्त इस मामले को लेकर मुख्य विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल के नेताओं ने काफी हंगामा किया, जिसके बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने न्यायिक जांच आयोग का गठन किया था।