राजधानी पटना का वीरचंद पटेल पथ राजनीतिक सत्‍ता का सबसे बड़ा केंद्र है। इस रोड पर भाजपा, राजद, जदयू और रालोसपा का कार्यालय स्थित है। इसी रोड के किनारे है ‘नीतीश टोला’। दरअसल पाटलिपुत्र अशोक होटल से लेकर सर्किट हाउस के बीच लगभग सभी सरकारी आवासों को ध्‍वस्‍त कर दिया है। बच गये हैं तो कुछ जजों के आवास और जदयू का कार्यालय। जदयू के विभिन्‍न प्रकोष्‍ठों का कार्यालय पार्टी के प्रदेश कार्यालय के पास स्थित है। इसी कारण इसे ‘नीतीश टोला’ भी कहा जाता है। करीब 12 फ्लैटों पर जदयू के विभिन्‍न प्रकोष्‍ठों का कब्‍जा है। इन फ्लैटों को अभी नहीं तोड़ा गया है। कारण सरकार ही बता पाएगी। bjp jdu

वीरेंद्र यादव

 

नीतीश टोला के मेनगेट पर विधान सभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्‍यक्ष अमित शाह के बड़े-बड़े होर्डिग लगाए गए थे। नीतीश कुमार के भी होर्डिंग लगे हैं। वैचारिक स्‍तर पर नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार में भले स्‍पर्धा हो, लेकिन होर्डिंग में ‘अपनापन’ अनोखा है। चुनाव समाप्‍त हुए छह माह से अधिक हो गए, लेकिन अब तक भाजपा वालों को अपने शीर्ष नेता की सुध नहीं आयी और दूसरे के टोले में विरान छोड़ दिया है। जदयू वालों को भी अपनी जमीन पर भाजपा वालों के ‘अतिक्रमण’ को लेकर कोई आपत्ति नहीं है।bjp jdu 2

 

सबसे बड़ा सवाल यह है कि आक्रामक चुनाव प्रचार अभियान में भाजपा ने जदयू के कार्यालय कैम्‍पस तक में अपने नेताओं के होर्डिंग लगा दिए। लेकिन चुनाव के बाद उन होर्डिंग को उतरवाने की याद क्‍यों नहीं आ रही है। संभव है कि प्रचार एजेंसियों ने चुनाव के बाद होर्डिंग उतारना आवश्‍यक नहीं समझा हो, क्‍योंकि इस जगह का कोई कामर्शियल एड के रूप में इस्‍तेमाल संभव नहीं है। लेकिन क्‍या प्रदेश भाजपा नेतृत्‍व अपने नेताओं की गरिमा को भी भूल गया। चुनाव के बाद अपनी पार्टी के बड़े नेताओं के होर्डिंग उतरवाना आवश्‍यक नहीं समझ रहा है। नेताओं के होर्डिंग टांगे रहने में किसी कोई आपत्ति नहीं हो सकती है, लेकिन हास्‍यास्‍पद जरूर लगता है। होर्डिंग पर लिखे नारे अब मजाक लग रहे हैं।

By Editor


Notice: ob_end_flush(): Failed to send buffer of zlib output compression (0) in /home/naukarshahi/public_html/wp-includes/functions.php on line 5427