एक अणे मार्ग की सियासत में आज एनडीए नीतियों पर अमल होगा. बुधवार को महागठबंधन के नेता के रूप में मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने वाले नीतीश कुमार एनडीए के न सिर्फ नेता चुन लिये गए, बल्कि आज उन्होंने मुख्यमंत्री पद की शपथ भी ले ली. उनके साथ भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी ने भी उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. राज्यपाल केसरी नाथ त्रिपाठी ने दोनों नेताओं को शपथ दिलाई.
नौकरशाही डेस्क
गौरतलब है कि कैनिबट पर अभी कोई बात समाने नहीं आई है. कहा जा रहा है कि सदन में विश्वास मत हासिल करने के बाद ही नीतीश कुमार अपने कैबिनेट का विस्तार करेंगे, जिसमें भाजपा और जदयू दोनों पार्टियों से 14 – 14 लोगों को मंत्री बनाए जाने की संभावना है. हालांकि अभी तक ये साफ नहीं हुआ है कि एनडीए के पुराने साथी लोजपा, रालोसपा और हम को भी कैबिनेट में जगह मिलेगी या नहीं.
वहीं, शपथ ग्रहण समारोह में कल तक सत्ता में बड़ी पार्टी की हैसियत रखने वाले आरजेडी के कोई भी विधायक शामिल नहीं हुए. इससे पहले रात के ढाई बजे राजद नेता तेजस्वी यादव ने अपने विधायकों के साथ महामहिम राज्यपाल से मिल कर सिंगल लार्जेस्ट पाटी होने के दावा पेश किया. गवर्नर हाउस से बाहर निकलने के बाद RJD के स्पोक्सपर्सन मनोज झा ने बताया कि उन्होंने गवर्नर से ‘बोम्मई केस’ का हवाला देते हुए सारी बातें रखी हैं. सिंगल लारजेस्ट पार्टी होने के नाते हमें पहले मौका मिलना चाहिए था और गवर्नर से उन्होंने सुबह होने वाले शपथ ग्रहण को रोकने की मांग की. इसके बाद गवर्नर ने कहा कि सुबह तक वे जरूर कोई फैसला लेंगे. हालांकि, गवर्नर ने ये भी कहा कि शपथ ग्रहण का फैसला लिया जा चुका है, उसे नहीं बदला जा सकता.