मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केंद्र सरकार के भूमि अधिग्रहण बिल पर एक बार फिर हमला बोलते हुए कहा कि इससे बेहतर तो केंद्र की पिछली सरकार का भूमि अधिग्रहण बिल, 2013 था। उसमें कम से कम किसानों के हित का ध्यान रखा गया था। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की कि वे इस बिल को अपनी प्रतिष्ठा से न जोड़ें।
मुख्यमंत्री गुरुवार को राजधानी के श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में वीर कुंवर सिंह विजयोत्सव समारोह का उद्घाटन करने के बाद समारोह को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली सरकार का भूमि अधिग्रहण बिल मौजूदा बिल से कहीं अधिक कारगर और किसानों के हित में था। उन्होंने कहा कि इस मामले में भाजपा और केंद्र सरकार चाहे जितनी भी सफाई दे, लोगों के मन में जो धारणा बन गई है, वह और अधिक मजबूत होगी। उन्होंने सहकारिता मंत्री के एक प्रस्ताव पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि वीर कुंवर सिंह की वीर गाथा स्कूली पाठ्यक्रम में नहीं है। अगर ऐसा है तो इसे स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि आज से दस महीना पहले देश में बच्चा-बच्चा नरेंद्र मोदी का जाप कर रहा था। केवल दस महीने में ही ऐसा क्या हो गया जिससे उनकी लोकप्रियता गिर गई। इसके पीछे भूमि अधिग्रहण प्रमुख कारण है। जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने वीर कुंवर सिंह को सच्चे अर्थों में धर्मनिरपेक्ष बताया और कहा कि उनक राज व्यवस्था आज भी अनुकरणीय है।