मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उच्चतम न्यायालय के राष्ट्रीय एवं राजकीय राजमार्गों के आसपास शराब बिक्री पर पाबंदी लगाने के आदेश के बाद बिहार की तर्ज पर पूरे देश में शराबबंदी लागू करने की मांग एक बार फिर दुहराते हुए आज कहा कि इससे सड़क दुर्घटनाओं के साथ ही आपराधिक घटनाओं में भी कमी आएगी।
श्री कुमार ने मधेपुरा में निश्चय यात्रा के दौरान जनसभा को संबोधित करते हुये कहा कि संभ्रात एवं बुद्धिजीवी वर्ग के कुछ लोग उनकी सरकार द्वारा राज्य में लागू शराबबंदी करने के फैसले की लगातार आलोचना करते रहे हैं लेकिन उच्चतम न्यायालय ने गुरुवार को राष्ट्रीय राजमार्गों एवं राजकीय राजमार्गों के 500 मीटर के दायरे में शराब नहीं बेचने का आदेश दिया है। इससे हमारे शराबबंदी के निर्णय को बल मिला है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने देश में सड़क दुर्घटनाओं में लगातार हो रही बढ़ोतरी के आलोक में यह फैसला सुनाया है। न्यायालय ने केंद्र सरकार को 01 अप्रैल 2017 से राष्ट्रीय एवं राजकीय राजमार्गों के आसपास शराब की दुकानों को बंद करने का आदेश देते हुये कहा है कि वित्त वर्ष 2017-18 में वह मौजूदा शराब दुकानों के लाइसेंस का रिन्यू न करे। श्री कुमार ने कहा कि एक बार केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने देश भर में तेजी से बढ़ रही सड़क दुर्घटनाओं पर चिंता जाहिर की थी, तब मैने श्री गडकरी को सलाह दी थी कि इन दुर्घटनाओं की संख्याओं में कमी लाने के लिए पूरे देश में शराबबंदी लागू करनी होगी। श्री कुमार ने कहा कि अप्रैल 2016 से शराबबंदी लागू करने के बाद से बिहार में सड़क दुर्घटनाओं में 19 प्रतिशत की कमी आई है।