बिहार के मुख्यमन्त्री और जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार ने यूपी के चुनार में एक सभा को संबोधित करते हुए शराब बंदी का आह्वान किया और संघ मुक्त भारत और शराब मुक्त समाज की स्थापना की हुंकार भरी।
उन्होंने कहा कि यदि यूपी की जनता शराब बंदी चाहती है तो मुझे ताकत प्रदान करे। मेरे पास जिस दिन ताकत आ गई, उसके दूसरे दिन से शराब बंद हो जाएगी।
सम्मेलन में उन्होंने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि भाजपा के लोग अब सरदार वल्लभ भाई पटेल का नाम लेने लगे हैं। उन्हें शायद यह पता नहीं है कि सबसे पहले सरदार पटेल ने ही आरएसएस पर पाबंदी लगाई थी।
नीतीश ने कहा कि सभी धर्मों में शराब बंदी की बात कही गई है। कबीर, तुलसी, रहीम के साथ ही बाद के महापुरुषों डॉ अम्बेडकर, कांशीराम ने भी शराब का विरोध किया है। शराब से सबसे अधिक नुकसान गरीबों का होता है। शराब पीकर आने पर घर मे कलह होती है। इसलिए शराब की बंदी बहुत जरूरी है। इसमें जनता के सहयोग की जरूरत है।