नोटबंदी पर मोदी सरकार को समर्थन दे रहे नीतीश कुमार ने केंद्र को जोर का झटका देते हुए खुद को नोटबंदी के प्रभाव का आकलन करने वाली कमेटी में शामिल होने से इनकार कर दिया है.
गौरतलब है कि वित्त मंत्री अरुण जेटली ने खुद नीतीश को इस कमेटी में शामिल होने के लिए अनुरोध किया था. इस कमेटी के प्रमुख आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्राबाबू नाइडू बनाये गये हैं.
500, 1,000 रुपए के नोट बंद करने के चौंकाने वाले फैसले के बाद जनता पर क्या प्रभाव पड़ा है और उसे कैसे कम किया जा सकता है, इसपर कमेटी जोर देगी। नायडू की पार्टी टीडीपी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार में शामिल है। जबकि पटनायक की बीजू जनता दल (बीजेडी) मुद्दों के आधार पर सरकार का समर्थन करती है। भाजपा नेता और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फणनवीस भी कमेटी में शामिल किए गए हैं। विपक्ष के नेताओं में ओडिशा सीएम नवीन पटनायक और पुदुचेरी सीएम वी नारायणसामी का नाम शामिल है.
नई कमेटी में कुल 13 सदस्य हैं। इनमें मुख्यमंत्रियों के अलावा नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत, यूपीए-2 में आधार परियोजना चलाने वाले नंदन नीलेकणि का नाम शामिल है। यह कमेटी विमुद्रीकरण के जनता पर प्रभाव और कैशलेस इकॉनमी के लिए रोडमैप बनाने की दिशा में काम करेगी.
ध्यान रहे कि नीतीश कुमार विपक्ष के इकलौते नेता हैं जिन्होंने मोदी सरकार के नोटबंदी के फैसले का समर्थन किया था. इसके बाद उनके गठबंधन के दूसरे सहयोगी उननके फैसले से असहज महसूस कर रहे हैं.