मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और स्टार मीडिया कंपनेर प्रशांत किशोर के बीच साटा (कांट्रैक्ट) पक्का हो गया है। काफी तोल-मोल के बाद बाजार भाव पर बोली भी टूट गयी है। प्रशांत किशोर की टीम 6 जून से पटना में नीतीश कुमार के चुनाव कंपेन की कमान संभाल लेगी।
वीरेंद्र यादव, बिहार ब्यूरो प्रमुख
(समाजवादी नीतीश का कॉरपोरेट गवैया, पर ‘साटा’ पक्का नहीं
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प्राप्त जानकारी के अनुसार, प्रशांत किशोर की टीम दो हिस्सों में बंटकर काम करेगी। पहली टीम नीतीश कुमार और सरकार की उपलब्धियों को लेकर काम करेगी तो दूसरी टीम जदयू के संगठन, रणनीति और कार्ययोजना पर काम करेगी। एक टीम का कार्यालय नीतीश के आवासीय कार्यालय में होगा, जबकि दूसरी टीम के लिए जगह तलाशी जा रही है, लेकिन वह जगह जदयू कार्यालय नहीं होगा।
कई वर्षों तक नरेंद्र मोदी का चेहरा चमकाने वाले प्रशांत किशोर और नीतीश कुमार के बीच समझौते की कोशिश पिछले एक सप्ताह से चल रही थी। इसमें महत्वपूर्ण भूमिका सांसद पवन वर्मा की मानी जा रही है। पवन वर्मा सांसद बनने से पहले मुख्यमंत्री के सांस्कृतिक सलाहकार थे। आज भी उनकी सलाह को महत्व मिल रहा है। सूत्रों की माने तो अब तक सोशल मीडिया के लिए नीतीश कुमार के लिए काम कर रही टीम हाशिए पर धकेली जा सकती है। यह टीम शैबाल गुप्ता के प्रति ज्यादा वफादार रही है। पुरानी टीम को शैबाल गुप्ता का मार्गदर्शन भी मिलता रहा है। संभव है सूचना और जनसंपर्क विभाग के भवन में प्रशांत किशोर की टीम को स्थायी जगह दी सकती है। यह टीम आईपीआरडी के साथ समन्वय बनाकर भी काम कर सकता है।