मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने प्रेरणा स्रोत रहे डॉ.एपीजे अब्दुल कलाम को श्रद्धांजलि देते हुए उनके नाम पर किशनगंज के कृषि महाविद्यालय का नाम एपीजे अब्दुल कलाम कृषि महाविद्यालय रखने की घोषणा कर दी है.
मंगलवार को नीतीश इस बिहार कृषि विश्वविद्यालय के भवन का उद्घाटन करने वाले थे. साथ ही वह किशनगंज कृषि महाविद्यालय भी जाने वाले थे. लेकिन कलाम की मौत के बाद सारे कार्यक्रम रोक दिये गये.
मुख्यमंत्री कहा कि कलाम महान वैज्ञानिक, प्रख्यात समाजसेवी एवं कुशल प्रशासक थे.उनके निधन से बिहार समेत पूरे देश को क्षति हुई है. नीतीश ने कहा कि मेरे अनुरोध पर वह कई बार बिहार आकर हमे मार्गदर्शन देते रहे। नालंदा विश्वविद्यालय को वर्तमान स्वरूप प्रदान करने में उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा है.
नीतीश कुमार अब्दुल कलम स काभी प्रभावित रहे हैं. उन्होंने कलाम को कई बार बिहार बुला कर अपने मंत्रियों से मिलवाया. उन्होंने कहा अपने सुझाव एवं विचार से इसे अंतरराष्ट्रीय स्वरूप प्रदान किया। मेरे आग्र्रह पर वे हरनौत रेल कारखाना के शिलान्यास कार्यक्रम में आए। कई कार्यक्रमों में उनका मार्गदर्शन मिला। बिहार में कृषि प्रक्षेत्र के विकास में समय-समय पर मार्गदर्शन देते रहे. नालंदा अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय की परिकल्पना भी कलाम की थी. उन्होंने ही नीतीश कुमार को इसे पुनर्जीवित करने की सलाह दी थी.
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