बिहार में घोटालों की लंबी लिस्ट रही है। उसी में एक है आवास घोटाला। जीनतराम मांझी और नीतीश कुमार दोनों ने एक-एक सरकारी आवास पर अवैध कब्जा बनाए रखा है। एक अणे मार्ग पर विवाद के बाद अब दोनों की लड़ाई सड़क पर आ गयी है।
वीरेंद्र यादव
नीतीश कुमार पूर्व सीएम के रूप में आवंटित सात नंबर सर्कुलर रोड को नहीं छोड़ना चाहते हैं तो जीतनराम मांझी सीएम के रूप में आवंटित एक अणेमार्ग नहीं छोड़ना चाहते हैं। हालांकि दोनों ने दो मकानों पर अवैध कब्जा भी बनाये रखा है। सीएम पद से हटने के बाद नीतीश कुमार 2 एम, स्ट्रैंड रोड में रहते थे। सात नंबर सर्कुलर रोड में स्थानांतरित होने के बाद भी नीतीश कुमार का कब्जा पूर्व आवास 2 एम, स्ट्रैंड रोड पर बरकरार है। उसी प्रकार सीएम बनने से पहले जीतनराम मांझी 12 एम, स्ट्रैंड रोड में रहते थे। सीएम बनने के बाद भी वह अणे मार्ग में चले गए, लेकिन 12 एम, स्ट्रैंड रोड पर उनका कब्जा बरकरार है।
अणे मार्ग पर जंग
जब तक बेहतर संबंध बना रहा, दोनों अवैध कब्जे का खेल खेलते रहे। सात और दो नंबर के जीर्णोद्धार के लिए करोड़ों रुपये फूंके गए। इसमें मांझी पर नीतीश भारी पड़े। नीतीश का सात नंबर किला बन गया। उसके आगे अणे मार्ग भी फीका हो गया। यही वजह थी कि नीतीश ने शपथ ग्रहण के दिन ही कह दिया था कि वह एक अणे मार्ग रहने नहीं जाएंगे, सिर्फ कार्यालय अणे मार्ग में रहेगा। उधर मांझी भी अणे मार्ग खाली करने के दिन टाल रहे थे और कल साफ-साफ कह दिया कि अब कुर्सी के साथ आवास की भी अदला-बदली होगी। मांझी ने कहा कि नीतीश एक अणे मार्ग में आएं तभी वह अणे मार्ग छोड़ेंगे। अन्यथा एक अणे मार्ग पर कब्जा बरकरार रहेगा।