पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने लालू-नीतीश पर निशाना साधा है। फेसबुक पर लिखे पोस्ट में उन्होंने कहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और लालू प्रसाद के दबाव में सत्तारूढ़ दल के एक गुट को विधान सभा में मुख्य विपक्षी दल की भी मान्यता दे दी गई।
उन्होंने कहा कि सभा अध्यक्ष के इस मनमाने निर्णय से 19 फरवरी का दिन संसदीय इतिहास में काला गुरुवार के रूप में दर्ज हो गया है। विश्वासमत प्रस्ताव के 24 घंटे पहले स्पीकर ने जो असंवैधानिक काम किया है, उससे न्याय की उम्मीद खत्म हो गई है। ऐसे माहौल में मांझी सरकार के विश्वास प्रस्ताव पर गुप्त मतदान से ही फैसला होना चाहिए। स्पीकर ने मुख्य विपक्षी दल की मान्यता के संबंध में गुरुवार को दिन में ही फैसला कर लिया और इसके अनुसार सदन में बैठने की व्यवस्था भी कर ली गई, लेकिन इसकी अधिसूचना देर रात तक जारी नहीं की, ताकि न्यायालय की आज की कार्यावधि में भाजपा उनके फैसले को चुनौती न दे सके।
श्री मोदी ने कहा कि स्पीकर ने एकतरफा और अलोकतांत्रिक फैसला कर अजीब स्थिति पैदा कर दी है। एक ही दल के दो मुख्य सचेतक हो गए हैं। दोनों ने परस्पर विरोधी ह्विप जारी कर दिये हैं। नीतीश गुट के मुख्य सचेतक श्रवण कुमार और मांझी गुट के मुख्य सचेतक राजीव रंजन में से विधायक किसकी बात मानें, यह तय करना मुश्किल हो गया है। विधायक अपनी सदस्यता को खतरे में नहीं डालना चाहते, इसलिए अब सदन में गुप्त मतदान का ही विकल्प बचा है। स्पीकर पहले भी नीतीश कुमार के दबाव में असंवैधानिक व्यवस्था देते रहे हैं।